Move to Jagran APP

देशभर के लिए बारिश बनी संजीवनी, लेकिन NCR को नहीं मिली राहत; विशेषज्ञ बोले- यह गंभीर विषय

Delhi-NCR Monsoon मानसून देशभर में पहुंच गया है दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में भी बारिश हो रही है। लेकिन बारिश से एनसीआर को कुछ राहत नहीं मिल पाई है जो मिलनी चाहिए थी। विशेषज्ञों ने इस पर चिंता भी व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह चिंता व्यापक रूप ले सकती है। इसके लिए उपाय खोजने पड़ेंगे।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Published: Thu, 04 Jul 2024 12:10 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 12:10 AM (IST)
दिल्ली के कनॉट प्लेस में बारिश के बादल।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। Delhi-NCR Pollution सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) द्वारा जारी मासिक वायु गुणवत्ता स्नैपशाट में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का रोहतक 116 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की पीएम 2.5 सांद्रता के साथ जून में देश का सबसे प्रदूषित शहर था। दिल्ली में पीएम 2.5 की सांद्रता 63 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। मालूम हो कि दैनिक राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।

सीआरआईए (CRIA) का विश्लेषण बताता है कि जून 2024 में हवा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ। वायु प्रदूषण के मामले में 254 में से 130 शहर ''अच्छी'', 98 शहर ‘संतोषजनक’, 20 शहर ‘मध्यम’ और तीन शहर ‘ख़राब’ श्रेणी में आए, जो मई के मुकाबले काफी बेहतर है।

एनसीआर के शहर ज्यादा प्रदूषित

विश्लेषण के अनुसार, जून में भारत के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से पांच हरियाणा में थे और दिल्ली 22वें स्थान पर रहा। जून में देश के 25 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 12 एनसीआर से थे। इनमें रोहतक (1), चरखी-दादरी (3), बल्लबगढ़ (7), फरीदाबाद (8), भिवाड़ी (9), गुरुग्राम (11),बहादुरगढ़ (14), पानीपत (15), मुज़्ज़फरनगर (18), धारूहेड़ा (20), दिल्ली (22) एवं ग्रेटर-नोएडा (25) शामिल हैं।

गर्मी और मानसून में भी प्रदूषण एक गंभीर विषय

सीआरईए के विश्लेषक सुनील दहिया ने कहा, "गर्मी एवं मानसून के सीजन में भी एनसीआर व खासकर हरियाणा में इतने अधिक वायु प्रदूषण की मात्रा एक गंभीर विषय है। यहां मौजूद प्रदूषणकारी परिवहन, कोयला आधारित बिल्ली संयंत्रों से निकलने वाले प्रदूषक, निर्माण-कार्य से होने वाला प्रदूषण, ख़राब कचरा प्रबंधन एवं प्रदूषणकारी कारखाने इस प्रदूषण के पीछे छिपे करक हैं और इन पर शीघ्र एवं सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है। यदि अभी भी नहीं चेते तो भविष्य में प्रदूषण की समस्या और व्यापक रूप लेती जाएगी।”


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.