Delhi News: 10000 रुपये चालान और पेट्रोल-डीजल न मिलने का डर, 1 महीने में 6 लाख लोगों ने बनवाए PUC सर्टिफिकेट
Pollution Under Control Certificate Update दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार के नोटिस का असर दिखाई देने लगा है। दिल्ली में पिछले एक महीने के दौरान 6 लाख से अधिक लोगों ने अपने वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बनवा लिए।
By V K ShuklaEdited By: JP YadavUpdated: Sat, 29 Oct 2022 12:13 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। ठंड की शुरुआत होने के साथ ही दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अपने-अपने स्तर पर दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने में जुट गए हैं।
इसके साथ ही दिल्ली के साथ एनसीआर के शहरों में ग्रेडेड रिस्पास एक्शन प्लान भी लागू हो चुका है। बावजूद इसके दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) 400 के करीब तो 18 इलाकों में 400 के पार पहुंच गया।
वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरे और जागरूकता के साथ दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार की सख्ती का असर भी अब वाहन चालकों पर नजर आने लगा है। यही वजह है दिल्ली परिवहन विभाग (Transport Department of Delhi) ने प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (Pollution Under Control Certificate) न बनवाने वाले 19 लाख वाहन मालिकों को नाेटिस भेजे तो छह लाख वाहन मालिकों ने पीयूसी प्रमाणपत्र बनवा लिए।
मिली जानकारी के अनुताबिक, पिछले एक माह के दौरान पीयूसी प्रमाण पत्र बनवाने वालों का आंकड़ा दोगुना हो गया है। कहा जा रहा है कि दिल्ली सरकार की सख्ती के बाद पीयूपी प्रमाणपत्र बनवाने वालों की संख्या में अभी और इजाफा होने के आसार हैं।
आरसी निलंबन का भी करना पड़ सकता है सामना
प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र के बिना वाहन मालिकों को आरसी के निलंबन का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली परिवहन विभाग उन मालिकों को नोटिस जारी कर रहा है जिनके वाहनों के पास वैध पीयूसीसी नहीं है, उन्हें चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं लिया तो उनके पंजीकरण प्रमाण पत्र निलंबित किए जा सकते हैं।वाहन मालिकों को भेजे जा रहे SMS
दिल्ली परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जिन वाहनों के पास वैध पीयूसीसी नहीं है, उनके बारे में यह जानने के लिए कोई तकनीक नहीं है कि क्या ऐसे वाहन सड़कों पर आ रहे हैं। इसलिए जांच करने के लिए प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं, जबकि एसएमएस भी भेजे जा रहे हैं।
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