पूजा खेडकर को दिल्ली HC ने दी बड़ी राहत, 5 सितंबर तक गिरफ्तार नहीं करने के आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट ने निलंबित ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से राहत दी है। उन्हें यह राहत 5 सितंबर 2024 तक के लिए मिली है। पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी और अनुचित तरीके से OBC और विकलांगता कोटा का लाभ उठाने का आरोप है। उन्होंने अपने जवाब में कहा है कि UPSC के पास उन्हें अयोग्य घोषित करने का अधिकार नहीं है।
एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने निलंबित ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है। पूजा को यह राहत अगली सुनवाई की तारीख यानी 5 सितंबर 2024 तक मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए टाल दी है।
दरअसल, गिरफ्तारी पर रोक इसलिए लगी है क्योंकि दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर द्वारा दाखिल जवाब पर विचार करने और नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा था।
'UPSC के पास अयोग्य घोषित करने का अधिकार नहीं'
धोखाधड़ी और अनुचित तरीके से ओबीसी और विकलांगता कोटा का लाभ हासिल करने के आरोपों का सामना कर रही पूजा खेडकर ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपने जवाब में बताया कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के पास उन्हें अयोग्य घोषित करने का अधिकार नहीं है। खेडकर ने तर्क दिया कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का संचालन करती है और उनके पास ऐसे मामलों में उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है।पुलिस और यूपीएससी को जारी हुआ था नोटिस
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट की इसी पीठ ने निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका के संबंध में दिल्ली पुलिस और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी किया था। अदालत ने जांच एजेंसी को यह भी निर्देश दिया था कि जब तक मामला विचाराधीन है, तब तक उसे गिरफ्तार न किया जाए। मामले में तत्काल गिरफ्तारी आवश्यक नहीं समझी जा रही है।
ट्रायल कोर्ट के आदेश में पर्याप्त चर्चा का अभाव
दिल्ली हाईकोर्ट ने पाया था कि पूजा खेडकर को जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश में पर्याप्त चर्चा का अभाव है। इसमें अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में लोक अभियोजक के दावे का केवल एक संक्षिप्त उल्लेख था। हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि आगे की कार्यवाही लंबित होने तक खेडकर को शुक्रवार तक गिरफ्तार न किया जाए।पूजा खेडकर एक मास्टरमाइंड: UPSC
यूपीएससी ने तर्क दिया था कि पूजा खेडकर एक मास्टरमाइंड हैं और उनके कार्य दूसरों की सहायता के बिना संभव नहीं होते। यह तर्क उनकी स्थिति का समर्थन करता है कि हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। दिल्ली हाईकोर्ट में पूजा खेडकर की याचिका पिछले सप्ताह दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने के बाद आई है, जिसने उनके खिलाफ सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त प्रयासों के लिए गलत पहचान बताने से संबंधित आरोपों को गंभीर और आवश्यक पाया।
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