Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'पूजा खेडकर मामले में हो रही बड़ी साजिश', पुलिस ने कोर्ट में क्यों बोला ऐसा? सामने आया बड़ा अपडेट

Pooja Khedkar पूजा खेडकर की याचिका पर गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामले की जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है तो इस मामले में बड़ी साजिश की जा रही है। वहीं पीठ ने पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा को 4 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दिया गया।

By Agency Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 26 Sep 2024 03:17 PM (IST)
Hero Image
पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। फाइल फोटो

एएनआई, नई दिल्ली। Delhi High Court दिल्ली हाई कोर्ट में गुरुवार को पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर Pooja Khedar की की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मामले में बड़ी साजिश सामने आ रही है।

Pooja Khedkar Case यह दलील सुनवाई के दौरान पेश की गई, जहां पुलिस ने अग्रिम जमानत के लिए उनकी याचिका का विरोध करने के लिए मामले की बढ़ती जटिलता पर जोर दिया।

अंतरिम सुरक्षा को 4 अक्टूबर तक बढ़ा दिया

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह की पीठ ने निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा को चार अक्टूबर, 2024 तक बढ़ा दिया है, जो अगली निर्धारित सुनवाई की तारीख है।

दिल्ली हाईकोर्ट के रोस्टर में हाल ही में हुए बदलाव के बाद पीठ पहली बार मामले की सुनवाई कर रही थी। संबंधित वकीलों द्वारा विस्तृत प्रस्तुतियां देने के लिए समय मांगे जाने के बाद अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया।

हाल ही में, पूर्ववर्ती पीठ ने यूपीएससी की याचिका पर पूजा खेडकर को नोटिस जारी किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करके झूठी गवाही दी है।

न्यायिक प्रणाली में हेरफेर करने का प्रयास किया

यूपीएससी ने आरोप लगाया कि खेडकर ने न्यायिक प्रणाली में हेरफेर करने का प्रयास किया। यूपीएससी ने कहा कि पूजा खेडकर ने झूठा हलफनामा दायर करके झूठी गवाही दी है और इस तरह का झूठा बयान देने के पीछे का उद्देश्य स्वाभाविक रूप से झूठे बयान के आधार पर अनुकूल आदेश प्राप्त करने का प्रयास प्रतीत होता है।

यूपीएससी ने कोर्ट में क्या कहा...

यूपीएससी UPSC ने कहा कि आयोग द्वारा उनके बायोमेट्रिक्स एकत्र करने का दावा पूरी तरह से झूठा है और इसका एकमात्र उद्देश्य अनुकूल आदेश प्राप्त करने के लिए इस न्यायालय को धोखा देना है। उक्त दावे को अस्वीकार किया जाता है, क्योंकि आयोग ने उनके व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान कोई बायोमेट्रिक्स (आंखों और उंगलियों के निशान) एकत्र नहीं किए थे या इसके आधार पर कोई सत्यापन प्रयास नहीं किया था।

आयोग ने अब तक आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं के व्यक्तित्व परीक्षण के दौरान किसी भी उम्मीदवार से कोई बायोमेट्रिक जानकारी एकत्र नहीं की है।

यह भी पढ़ें- Pooja Khedkar: पूजा खेडकर की बढ़ी मुश्किलें, दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस; पढ़ें पूरा मामला

यूपीएससी ने कहा कि उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के बारे में उन्हें उनके पंजीकृत मेल आईडी पर सूचित किया गया था। इसलिए उन्होंने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष झूठा दावा किया कि 31.07.2024 की प्रेस विज्ञप्ति उन्हें आधिकारिक तौर पर नहीं दी गई थी।

यह भी पढ़ें- Pooja Khedkar को लेकर आया बड़ा अपडेट, UPSC ने शुरू की झूठी गवाही की कार्यवाही; हाईकोर्ट ने मांगा जवाब