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गर्मियों के मौसम में दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि ने कहा कि चारों तरफ से जमीन से घिरे होने के कारण दिल्ली में पानी आपूर्ति के सीमित संसाधन हैं इसलिए जल संरक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है।

By SANTOSH KUMAR SINGHEdited By: Updated: Wed, 20 Jan 2021 10:44 AM (IST)
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डीजेबी प्रति दिन 935 मिलियन गैलन (एमजी) पीने योग्य पानी का उत्पादन करता है।
नई दिल्ली। गर्मी के मौसम में पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (एससीएडीए) जल निगरानी प्रणाली केंद्र से पानी वितरण व बर्बादी पर नजर रखी जाएगी। इससे जल शोधन संयंत्रों का भी सही संचालन हो सकेगा। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंगलवार को इस केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को गर्मी में पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि चारों तरफ से जमीन से घिरे होने के कारण दिल्ली में पानी आपूर्ति के सीमित संसाधन हैं, इसलिए जल संरक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। गर्मी में पानी की मांग बहुत बढ़ जाती है, इसे ध्यान में रखकर जल बोर्ड को तैयारी करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि डीजेबी प्रति दिन 935 मिलियन गैलन (एमजी) पीने योग्य पानी का उत्पादन करता है। पानी संरक्षण के लिए फ्लो मीटर लगाकर पानी की मात्रा को मापना आवश्यक है। अभी तक कुल 3,192 फ्लो (प्रवाह) मीटर लगाए जा चुके हैं और इन्हें एससीएडीए केंद्र के साथ जोड़ने का काम चल रहा है। लगभग 3,200 फ्लो मीटर लगाए जाने हैं। उन्होंने यह काम शीघ्र पूरा करने और पानी की बर्बादी रोकने का निर्देश दिया।

उन्होंने अमोनिया और अन्य प्रदूषक तत्वों से पानी आपूर्ति में होने वाली परेशानी दूर करने को भी कहा। एससीएडीए से समस्या हल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का लक्ष्य दिल्ली के प्रत्येक घर में 24 घंटे पानी आपूर्ति करने का है। इस सपने को पूरा करने के लिए वह खुद पानी के उत्पादन के साथ-साथ प्रदूषण के स्तर की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे।

एससीएडीए केंद्र क्या है

डीजेबी का एससीएडीए केंद्र उच्च तकनीक निगरानी प्रणाली है। इससे डीजेपी मुख्यालय को पानी उत्पादन और वितरण के साथ ही पानी की बर्बादी की जानकारी मिल जाती है। इससे फ्लो मीटर डाटा का वास्तविक समय पर आंकलन होता है। किसी विशेष स्थान पर पानी के प्रवाह को मापने के लिए फ्लो मीटर का उपयोग किया जाता है। इससे पानी की की ऑडिटिंग और रिसाव से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलती है। 

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