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Covid को लेकर तैयारियां तेज, सफदरजंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और लोकनायक में डिप्टी CM ने किया निरीक्षण

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्र और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर तैयारियों को परखा गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व जिला प्रशासन ने सभी अस्पतालों में पहुंचकर कोरोना के इलाज की तैयारियों व सुविधाओं का निरीक्षण किया।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Tue, 27 Dec 2022 09:57 PM (IST)
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पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लिक्विड ऑक्सीजन
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। चीन सहित कुछ देशों में फैले कोरोना के संक्रमण के मद्देनजर मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र व दिल्ली सरकार के अस्पतालों में माक ड्रिल कर तैयारियों को परखा गया। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व जिला प्रशासन ने सभी अस्पतालों में पहुंचकर कोरोना के इलाज की तैयारियों व सुविधाओं का निरीक्षण किया।

इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सफदरजंग अस्पताल व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने लोकनायक अस्पताल में पहुंच कर माक ड्रिल व तैयारियों का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पताल कोरोना से निपटने को तैयार हैं। हालांकि, राजधानी के ज्यादातर अस्पतालों में लगे पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसोर्पशन) आक्सीजन प्लांट का मरीजों के इलाज में अभी इस्तेमाल नहीं होता।

पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लिक्विड ऑक्सीजन

इसका कारण यह है कि मरीजों से हमेशा व्यस्त रहने वाले अस्पतालों में मेडिकल लिक्विड आक्सीजन स्टोरेज टैंक हैं। अस्पतालों का दावा है कि मेडिकल लिक्विड आक्सीजन अभी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने से पीएसएस मशीन की जरूरत नहीं पड़ रही है। कोरोना के इलाज के लिए इसे विकल्प के रूप में तैयार रखा गया है और मशीनें चालू हालत में हैं।

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने क्या कहा?

सफदरजंग में माक ड्रिल का निरीक्षण करने के बाद मनसुख मांडविया ने कहा कि सफदरजंग अस्पताल में जिस तरह की व्यवस्था की गई है वैसा ही व्यवस्था देश के सभी सरकारी अस्पतालों व निजी अस्पतालों में तैयारी की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारियों ने आरएमएल अस्पताल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पतालों में पहुंचकर दवा की उपलब्धता, आक्सीजन, वेंटिलेटर, जांच, मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया इत्यादि का निरीक्षण किया।

राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली सरकार के ऐलोपैथी के सभी 27 अस्पताल हैं। इनमें भी सुविधाओं का निरीक्षण किया गया। इसके अलावा लोकनायक अस्पताल, जीटीबी, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी, द्वारा स्थित इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल सहित कई अस्पतालों में माक ड्रिल किया गया। पीपीई किट पहनकर डाक्टरों व कर्मचारियों ने माक ड्रिल किया और मरीजों की जांच से लेकर भर्ती लेने की पूरी को परखा।

पांच मिनट में भर्ती होंगे मरीज

लोकनायक अस्पताल में माक ड्रिल के माध्यम से यह दिखा गया कि एंबुलेंस से कोरोना के मरीज के अस्पताल पहुंचने पर किस पांच मिनट में भर्ती कर लिया जाएगा। यमुनापार के राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी, जीटीबी और स्वामी दयानंद अस्पताल में माक ड्रिल की गई। राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में माक ड्रिल के दौरान एंबुलेंस से पहले मरीज को लाया गया। उसे ट्राइएज एरिया में ले जाया गया। यहां से आइसीयू में स्थानांतरित किया गया।

मॉक ड्रिल में हर बेड तक आक्सीजन और वेंटिलेटर की मौजूदगी को भी परखा गया। इस अस्पताल में अभी 300 बेड आरक्षित किए हैं। जरूरत पड़ने पर 600 बेड कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। हर बेड तक पाइपलाइन से आक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था है।निरीक्षण के दौरान आक्सीजन के प्रेशर की भी जांच की गई।

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आक्सीजन टैंक है खाली

दक्षिण-पश्चिमी जिले के उपायुक्त हेमंत कुमार ने द्वारका सेक्टर-9 स्थित इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट पहुंचकर तैयारियों का निरीक्षण किया। 1241 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में अभी 250 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था है। सभी बेड पर पाइपलाइन से आक्सीजन आपूर्ति की सुविधा है। लेकिन अभी मेडिकल लिक्विड आक्सीजन टैंक खाली है। क्योंकि अभी इस अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं हैं।

इस वजह से अस्पताल में लगे दो पीएसए प्लांट भी इस्तेमाल नहीं होते। इस अस्पताल में 247 वेंटिलेटर उपलब्ध है। दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नंबर स्थिति अस्पताल में भी अभी कोई मरीज भर्ती नहीं है। इस वजह से पीएसए प्लांट बंद है।

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