पेटेंड और ट्रेडमार्क एजेंटों को विनियमित करने के लिए तैयार करें मसौदा: दिल्ली हाईकोर्ट
अदालत ने निर्देश दिया कि उक्त अवधि के भीतर ट्रेडमार्क एजेंटों और पेटेंट एजेंटों के खिलाफ शिकायतों से निपटने के लिए एक रूपरेखा भी बनाई जाएगी तब तक यदि सीजीपीडीटीएम के कार्यालय के समक्ष किसी ट्रेडमार्क या पेटेंट एजेंट के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज की जाती है। हाईकोर्ट ने साथ ही कहा कि हितधारक परामर्श के लिए इसे दो महीने के भीतर अपनी वेबसाइट पर डालें।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पेटेंट, डिजाइन और ट्रेड मार्क्स महानियंत्रक (सीजीपीडीटीएम) के कार्यालय को पेटेंट और ट्रेडमार्क एजेंटों को विनियमित करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मसौदा आचार संहिता तैयार करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी यह भी कहा कि हितधारक परामर्श के लिए इसे दो महीने के भीतर अपनी वेबसाइट पर डालें।
न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने निर्देश दिया कि आचार संहिता को छह महीने के भीतर और अधिकतम 31 दिसंबर तक अधिसूचित किया जाए।
अदालत ने निर्देश दिया कि उक्त अवधि के भीतर ट्रेडमार्क एजेंटों और पेटेंट एजेंटों के खिलाफ शिकायतों से निपटने के लिए एक रूपरेखा भी बनाई जाएगी, तब तक यदि सीजीपीडीटीएम के कार्यालय के समक्ष किसी ट्रेडमार्क या पेटेंट एजेंट के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज की जाती है, तो उस पर तदर्थ समिति द्वारा विचार कर निर्णय लिया जाएगा। पेटेंट एजेंटों के विनियमन पर अदालत ने कहा कि वर्तमान में उन पर लगाए गए प्रतिबंधों पर भी फिर से विचार करना पड़ सकता है।