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'डॉक्टरों का पहला उद्देश्य पैसा इकट्ठा करना नहीं, सेवा होना चाहिए'; एक कार्यक्रम में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

मेडिकल कॉलेज एलएचएमसी (लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज) के 107वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित दीक्षा समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि एक अच्छा स्वास्थ्य कर्मी होने के लिए एक अच्छा इंसान होना भी जरूरी है। इसलिए डॉक्टरों का प्राथमिक उद्देश्य धनोपार्जन नहीं सेवा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लड़कियों को आज भी शिक्षा के लिए कई तरह की सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Mon, 26 Feb 2024 04:30 PM (IST)
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दिल्ली के मेडिकल कॉलेज के कार्यक्रम में हुईं शामिल
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। डॉक्टर व नर्स सही मायने में तभी सफल माने जाएंगे, जब पेशेवर दक्षता के साथ-साथ करुणा दाया व सहानुभूति जैसे मानवीय मूल्य विद्यमान हो। एक अच्छा स्वास्थ्य कर्मी होने के लिए एक अच्छा इंसान होना भी जरूरी है। इसलिए डॉक्टरों का प्राथमिक उद्देश्य धनोपार्जन नहीं, सेवा होना चाहिए। यह बातें सोमवार को देश के प्रथम महिला मेडिकल कॉलेज एलएचएमसी (लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज) के 107वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कही।

डॉक्टरों के कार्यों की राष्ट्रपति ने की सराहना

उन्होंने काेरोना के दौरान डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के किए गए कार्यों की सराहना की। साथ ही एलएचएमसी से मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को डिग्रियां दी और कहा कि मेडिकल शिक्षा का प्रमाण पत्र हासिल करने वाली बेटियां जहां भी जाएंगी, वहां उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करेंगी। उन्होंने कहा कि लड़कियों को आज भी शिक्षा के लिए कई तरह की सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर डॉक्टर बनने वाली लड़कियों से कहा कि उनकी सफलता महिला सशक्तिकरण को को गति देगी और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने का काम करेगी। उन बेटियों की सफलता समाज के लिए प्रेरणा है। उन्होंने एलएचएमसी और उससे जुड़े अस्पतालों द्वारा मेडिकल शिक्षा और चिकित्सा के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि एलएचएमसी को आर्गेन ट्रांसप्लांट रिट्रीवल सेंटर के रूप में भी पंजीकृत कर लिया गया। आज चिकित्सा विज्ञान सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है।

इसका कार्य क्षेत्र व्यापक हो गया है। चौथी औद्योगिक क्रांति के कारण फिजिकल, डिजिटल और बायोलॉजिकल क्षेत्र के बीच की खाई कम हो रही है। सिंथेटिक बायोलॉजी में हो रहे नए प्रयोग, जीन एडिटिंग जैसे नई तकनीक सदियों से चली आ रही समस्याओं का समाधान तलाशने में मददगार हो रही है, लेकिन इन तकनीकों के दुरुपयोग की समस्या भी बनी हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि डॉक्टर अपने पेशेवर जीवन में नैतिकता और उच्च मूल्यों के साथ काम करेंगे और एकीकृत दृष्टिकोण से स्वास्थ्य समस्याओं का निदान करने का प्रयास करेंगे।

मेडिकल कॉलेजों में बढ़ाई गईं सीटों की संख्या

उन्होंने कहा कि किसी भी देश की चिकित्सा सुविधाओं का स्तर उसके विकास का सूचक होता है। आज भी देश में डॉक्टर व नर्सों की संख्या आदर्श मानकों से कम है। देश की अधिकतम आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में होने के बावजूद चिकित्सा सुविधाएं शहरी क्षेत्रों में केंद्रित है। केंद्र सरकार ने मेडिकल शिक्षा को व्यापक बनाने के लिए मेडिकल की सीटें बढ़ाने व नई मेडिकल कॉलेज खोलने का काम किया है। डॉक्टर को लोग भगवान समझते हैं।

इसलिए इसे नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए इसके अनुसार डॉक्टरों को आचरण करना चाहिए। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने अंगदान को बढ़ावा देने की अपील की और केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की चर्चा की।

 

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