Move to Jagran APP

Presidential Elections 2022: कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी, जिन्हें विपक्ष बना सकता है राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार

Presidential Elections 2022 गोपालकृष्ण गांधी राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी के पोते और देवदास गांधी और लक्ष्‍मी गांधी के बेटे हैं। सी राजगोपालचारी उनके नाना थे। संभावना जताई जा रही है कि इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष इन्हें अपना उम्मीदवार बना सकता है।

By Abhishek TiwariEdited By: Updated: Thu, 16 Jun 2022 11:09 AM (IST)
Hero Image
Presidential Elections 2022: कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी (Photo Credit- @INCIndia)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। देश में जुलाई महीने में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस बार राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी का नाम  सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विपक्षी दलों की बैठक की थी। इस बैठक में गांधी के नाम को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में प्रस्तावित किया गया। साथ ही फारूक अब्दुल्ला के नाम का भी प्रस्ताव रखा गया। हालांकि अभी तक केवल शरद पवार के नाम पर ही सहमति बनी है, लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया।

रिपोर्टों के मुताबिक, विपक्षी नेताओं ने गोपालकृष्ण गांधी से फोन पर बात की और उनसे राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार बनने पर विचार करने का आग्रह किया है। हालांकि इस संबंध में समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।'

बता दें कि इससे पहले साल 2017 में गोपालकृष्ण गांधी भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से विपक्षी उम्मीदवार थे। हालांकि एम वेंकैया नायडू से वह चुनाव हार गए थे। विपक्ष की ओर से अभी तक राष्ट्रपति चुनाव के लिए किसी एक नाम पर फैसला नहीं हो सका है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही विपक्ष अपने उम्मीदवार का एलान कर सकता है। हालांकि विपक्षी दलों के बीच राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार मैदान में उतारने पर सहमति बन गई है, लेकिन उम्मीदवार अभी तय नहीं हुआ है।

बता दें कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने विपक्ष का सर्वसम्मत प्रत्याशी बनने से इन्कार कर दिया है। वहीं, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने 17 विपक्षी दलों की बैठक में पवार के इन्कार के बाद नेशनल कान्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के नाम को उम्मीदवार के रूप में सुझाया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोपालकृष्ण गांधी ने नेताओं से उनके अनुरोध पर निर्णय लेने के लिए और समय मांगा है। उल्लेखनीय है कि देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल आगामी 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। इसके मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव की तारीखों का एलान चुका है। चुनाव आयोग के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे और 21 जुलाई को मतगणना होगी।

कौन हैं गोपालकृष्ण गांधी

  • गोपालकृष्ण गांधी राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी के पोते और देवदास गांधी और लक्ष्‍मी गांधी के बेटे हैं। सी राजगोपालचारी उनके नाना थे।
  • उनका का जन्‍म 22 अप्रैल 1945 को हुआ था।
  • सेंट स्‍टीफेंस कॉलेज से अंग्रेजी साहित्‍य में एमए की डिग्री हासिल करने के बाद गोपालकृष्‍ण गांधी ने 1968 से 1992 तक एक आइएस अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वह स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए।
  • साल 1985 तक तमिलनाडु में एक IAS अधिकारी के रूप में सेवा देने के बाद, गांधी उपराष्ट्रपति के सचिव और भारत के राष्ट्रपति के संयुक्त सचिव भी रहे।
  • उन्होंने श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त और नॉर्वे में भारत के राजदूत सहित कई राजनयिक पदों पर कार्य किया है।
  • गोपालकृष्‍ण गांधी ने विक्रम सेठ के 'अ सुटेबल ब्‍वॉय' का हिंदी में अनुवाद किया है। वहीं श्रीलंका के तमिल वृक्षारोपण कर्मचारियों पर एक उपन्‍यास भी लिखा है।
  • गोपालकृष्‍ण गांधी की दो बेटियां हैं।
  • साल 2004 और 2006 के बीच, गांधी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और बाद में बिहार के राज्यपाल के पद पर रहे।
  • वह वर्तमान में हरियाणा के अशोक विश्वविद्यालय में इतिहास और राजनीति पढ़ाते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।