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AIIMS Delhi: एम्स में कैंसर मरीजों की रेडियोथेरेपी में दूर होगी वेटिंग की समस्या, खरीदी जाएंगी दो नई मशीनें

दिल्ली एम्स में कैंसर सेंटर के लिए रेडियोथेरेपी की दो नई अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलेरेटर मशीनें खरीदी जाएंगी। 18 व 23 वर्ष पुरानी हो चुकी दो मशीनों के बदले इन मशीनों को खरीदने के लिए एम्स ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे एम्स में कैंसर के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी में वेटिंग की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 05 Aug 2024 07:46 AM (IST)
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एम्स में कैंसर मरीजों की रेडियोथेरेपी में दूर होगी वेटिंग की समस्या।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली। एम्स में कैंसर मरीजों के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी की दो अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलेरेटर मशीनें खरीदी जाएंगी। इन मशीनों को खरीदने के लिए एम्स प्रशासन प्रक्रिया शुरू कर चुका है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष के मध्य तक एम्स में रेडियोथेरेपी की ये दो नई मशीनें लग लगाएंगी। इससे एम्स में कैंसर के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी में वेटिंग की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। इससे कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत मिल सकती है।

सरकारी अस्पतालों में कैंसर के इलाज की सुविधाओं का भारी अभाव है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के ज्यादातर कैंसर मरीज एम्स में इलाज के लिए निर्भर हैं। इस वजह से एम्स के कैंसर सेंटर डा. आइआरसीएच (इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल) में मरीजों का भारी दबाव होता है।

डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज देखे गए

वर्ष 2022-23 में आईआरसीएच की ओपीडी में एक लाख 79 हजार 741 मरीज देखे गए। जिसमें 14 हजार 614 नए मरीज और एक लाख 65 हजार 127 पुराने मरीज शामिल थे। एम्स के मुख्य अस्पताल व आइआरसीएच को मिलाकर रेडियोथेरेपी की छह मशीनें हैं। इसमें तीन कोबाल्ट व तीन लीनियर एक्सीलेटर मशीन शामिल हैं।

रेडिएशन की कोबाल्ट मशीनें पुरानी तकनीक वाली

रेडिएशन की कोबाल्ट मशीनें बहुत पुरानी तकनीक मानी जाती हैं। इस वजह से निजी क्षेत्र के अस्पतालों में सका इस्तेमाल कमोबेश बंद हो चुका है। लीनियर एक्सीलेटर की तीन में से एक मशीन 23 वर्ष व दूसरी मशीन मशीन करीब 18 वर्ष पुरानी हो चुकी है।

इस वजह से एक लीनियर एक्सीलेटर मशीन पर ही कैंसर मरीजों के इलाज का बोझ अधिक है। हरियाणा के झज्जर स्थित एम्स के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में भी दो लीनियर एक्सीलेटर मशीनें हैं। फिर भी सुविधाएं कम पड़ रही हैं। रेडियोथेरेपी में तीन माह की वेटिंग की बात एम्स का कैंसर सेंटर खुद आरटीआइ के एक जवाब में बता चुका है।

यही वजह है कि एम्स ने दो पुरानी दो लीनियर एक्सीलेटर मशीनों को बदलकर उनकी जगह दो नई दो लीनियर एक्सीलेटर मशीनें खरीदने की पहल की है। संस्थान के डाक्टर बताते हैं कि इसका टेंडर जल्दी आवंटित होने की उम्मीद है। इसके साथ ही रेडियोथेरेपी की नई मशीन खरीदने का रास्ता साफ हो जाएगा।

रेडियोथेरेपी की मशीनें विदेश से खरीदकर आती हैं। पुरानी मशीनों को हटाकर इन मशीनों को इंस्टाल करने में भी थोड़ा वक्त लगेगा। इसलिए यदि सब कुछ उम्मीद के मुताबिक हुआ तो अगले वर्ष नई मशीनों से इलाज की सुविधा शुरू हो जाएगी।

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