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हजारों लोगों को राहत: नहीं बढ़ेगा संपत्तिकर, नए तरीके से होगी गणना जिससे कम हो जाएगा टैक्स

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कालोनियों में झाडू से साफ-सफाई करने की बजाय मशीन से सफाई करने का फैसला लिया है। अब कालोनियों में मशीनों से धूंल को साफ किया जाएगा। इसके लिए बड़ी सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग करने वाली मशीनों की तरह ही छोटी मशीनें खरीदी जाएगी।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Tue, 18 Jan 2022 08:10 PM (IST)
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निगमायुक्त द्वारा संपत्तिकर बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को स्थायी समिति अध्यक्ष ने किया निरस्त।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती द्वारा वर्ष 2022-23 में संपत्तिकर में बढ़ोतरी के सभी प्रस्तावों को स्थायी समिति के अध्यक्ष लेफ्टिंनेट कर्नल बीके ओबेराय निरस्त कर दिया है। वहीं, रिहायशी और व्यावसायिक संपत्तियों के कर पर लगने वाले शिक्षा उपकरण को गणना करने का तरीका बदल दिया है। इससे जमा किए जाने वाला संपत्तिकर भी कम हो जाएगा। इसमें 500 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये का लाभ छोटे संपत्ति मालिकों को मिलेगा। इतना ही नहीं अनधिकृत कालोनियों की रिहायशी संपत्ति में दो वर्ष का संपत्तिकर जमा करने पर वर्ष 2005 से लेकर वर्ष 2019-20 तक का बकाया संपत्तिकर माफ हो जाएगा। इसी तरह व्यावसायिक संपत्ति में तीन वर्ष का बकाया संपत्तिकर जमा करने पर वर्ष 2004 से लेकर 2018-19 तक का बकाया संपत्तिकर माफ कर दिया जाएगा।

दक्षिण निगम की सदन की विशेष वर्चुअल बैठक में वर्ष 2021-22 के संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2022-23 के प्रस्तावित बजट अनुमान पेश करते हुए स्थायी समिति के अध्यक्ष बीके ओबेराय ने बताया कि निगमायुक्त ने जहां रिहायशी संपत्ति के साथ व्यावसायिक संपत्ति में पांच प्रतिशत का कर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। वहीं, मिलने वाली छूट भी खत्म करने का प्रस्ताव दिया था। इसे हमने निरस्त कर दिया है। हम जनता पर कोई भी कर का नया बोझ नहीं डालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से आयकर की गणना होती है अब उसी प्रकार से संपत्तिकर पर शिक्षा उपकर की गणना की जाएगी। फिलहाल संपत्तिकर पर एक प्रतिशत शिक्षा उपकर लगता है। यह फिलहाल संपत्तिकर की दरों को गुणा करके जोड़ा जाता है जबकि नई गणना के अनुसार अब सारा संपत्तिकर जोड़ने के बाद जो कर बनेगा उस पर लगाया जाएगा।

जिससे लोगों के संपत्तिकर में सात से आठ प्रतिशत की कमी आएगी। ओबेराय ने निगम के डिजीटलीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह आनलाइन की गई है। इसी तरह पार्किंग की सुविधा भी आनलाइन की जाएगी। इसमें घर बैठे पार्किंग में खाली जगह का पता लगाया जा सकेगा। इसके साथ ही आधुनिक लैंडफिल का कार्य शुरू होने को उन्होंने स्वच्छता की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उल्लेखनीय है कि बीके ओबेराय के द्वारा सदन में पेश किए गए बजट के बाद अब सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्य इस पर चर्चा करेंगे। इसके बाद नेता सदन इसको अंतिम रूप देंगे जो कि लागू किया जाएगा।

100 वर्ग मीटर के सामान्य प्लाट पर लगने वाले संपत्तिकर को इस तालिका से समझे कितनी आएगी कमी।

श्रेणी- ए (वर्तमान)-ए (प्रस्तावित)- डी(वर्तमान)-डी (प्रस्तावित)- जी (वर्तमान)- जी ( प्रस्तावित)

रिहायशी- 8190-7636-3840-3555-1600-1414

व्यावसायिक-40320-38140-16640-15514-8800-8080

श्रेणी- वर्ष 2022-23 अनुमानित-2021-22 संशोधित

आय- 482143.40-429326.17

व्यय-482643.53-86826.02

शेष-22404.72-22904.40

(राशि लाख रुपये में)

100 प्रतिशत करें कूड़े का निस्तारण दस लाख का मिलेगा विकास फंड

स्वच्छता के प्रति रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को प्रोत्साहित करने के लिए विकास फंड देने की घोषणा की है। अपने बजट भाषण में बीके ओबेराय ने कहा कि जो आरडब्ल्यूए अपने क्षेत्र में 100 प्रतिशत गीले व सूखे कूड़े का निस्तारण करेगी उन्हें दस लाख रुपये का विकास फंड अतिरिक्त दिया जाएगा। इस फंड का उपयोग आरडब्ल्यूए और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी की सहमति से किया जाएगा। ओबेराय ने बताया कि निगम के 16 माडल वार्ग में गीले सूखे कचरे को निस्तारित करने पर जोर दिया जा रहा है। कुछ ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी भी निगम के अभियान से जुड़ गई है। जिसका उद्देश्य दक्षिणी निगम क्षेत्र को स्वच्छ करना है।

भारत दर्शन पार्क में पार्षदों के परिवार को मुफ्त प्रवेश

पंजाबी बाग में बनाए गए भारत दर्शन पार्क में पार्षदों के परिवार को मुफ्त प्रवेश देने की दोषणा की है। समिति के अध्यक्ष के बीके ओबेराय ने कहा कि अगर हमारे पार्षद अपने परिवार के साथ जाएंगे तो उनके परिवार के सदस्य आगे लोगों को इस पार्क के लिए बारे में बता पाएगा। जिसका लाभ हमें इसको प्रचारित करने पर मिलेगा। ऐसे में पार्षद और उनके परिवार को पार्क में मुफ्त प्रवेश देने का फैसला लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि इसमें 100 रुपये से लेकर 160 रुपये तक का शुल्क लगता है।

कालोनियों में होगी मशीनों से सफाई

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने कालोनियों में झाडू से साफ-सफाई करने की बजाय मशीन से सफाई करने का फैसला लिया है। अब कालोनियों में मशीनों से धूंल को साफ किया जाएगा। इसके लिए बड़ी सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग करने वाली मशीनों की तरह ही छोटी मशीनें खरीदी जाएगी। फिलहाल निगम यह चार मशीन खरीदेगा। निगम के प्रत्येक जोन में यह मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे 20 फिट तक की सड़को को साफ किया जा सकेगा। फिलहाल 60 फिट से चौड़ी सड़कों पर निगम 24 मैकेनिकल स्वपिंग मशीन से सफाई करता है। इससे प्रदूषण भी कम होता है। साथ ही धूंल नहीं उड़ती है।

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