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दिल्ली में कोचिंग सेंटरों को नरेला शिफ्ट करने का प्रस्ताव, रियायती दरों पर दी जा सकती है जमीन

Delhi Coaching Centers देश में पहली बार कहीं कोचिंग हब बनाने की योजना पर काम चल रहा है। इसके लिए जमीन की रियायत दरों पर दिया जा सकता है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने शहर के कोचिंग सेंटरों को नरेला में शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया है। यदि यह योजना परवान चढ़ती है तो यह देशभर के लिए माडल होगा।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 31 Jul 2024 11:02 PM (IST)
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दिल्ली में कोचिंग सेंटरों को नरेला शिफ्ट करने का प्रस्ताव।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने शहर के कोचिंग सेंटरों को नरेला में शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया है। इसके लिए वहां कुछ रियायती दरों पर जमीन का एक बड़ा हिस्सा दिया जा सकता है। छात्रों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए हजारों फ्लैट भी पहले से ही तैयार हैं, जिन्हें किराए पर उपलब्ध कराया जा सकता है।

जानकारी के अनुसार, इस आशय का प्रस्ताव डीडीए ने मंगलवार शाम राजनिवास में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में दिया। एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में विभिन्न विभागों के आला अधिकारियों के साथ कुछ कोचिंग सेंटर संचालक भी मौजूद थे।

बताया जाता है कि अधिकांश ने डीडीए के इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख प्रदर्शित किया। यदि यह योजना परवान चढ़ती है तो यह देशभर के लिए माडल होगा। ऐसा भी पहली बार होगा जब कोचिंग हब बनाने के लिए सरकारी स्तर पर न सिर्फ जमीन बल्कि अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएं।

द्वारका की तर्ज पर विकसित किया जा रहा उप-शहर

पूरे नरेला उप-शहर में लगभग 9866 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल है, जिसमें से परियोजना क्षेत्र 3828 हेक्टेयर है। लैंड पूलिंग क्षेत्र 3537 हेक्टेयर है और 2501 हेक्टेयर को ग्रीन बेल्ट के रूप में परिभाषित किया गया है। जिन संस्थानों को पहले ही भूमि आवंटित की जा चुकी है, उनमें एनआइटी- 20.8 हेक्टेयर, इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय (आइजीडीटीयूडब्ल्यू)-20 हेक्टेयर और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान- 4.04 हेक्टेयर शामिल हैं। प्रस्तावित योजना के तहत गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय को 8.08 हेक्टेयर और दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय (डीईटीयू) को 4.04 हेक्टेयर आवंटित किया जाना है।

बनेगा लॉजिस्टिक्स पार्क

नरेला में करीब 40 हेक्टेयर क्षेत्र में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क बनाने की भी योजना है। इसके अलावा कारपोरेट पार्क, शॉपिंग मॉल सहित अन्य बड़े वाणिज्यिक केंद्र भी बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके अलावा लोगों की सुविधा के लिए 7.28 हेक्टेयर में क्लब और स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, 16 हेक्टेयर में जिला जेल, टिकरी खुर्द के पास जिला न्यायालय के लिए चार हेक्टेयर, जिला पार्क अर्थात सेक्टर ए-7 में स्मृति वन के लिए 15.8 हेक्टेयर, औद्योगिक क्षेत्र में तीन डीएसआईआईडीसी के लिए नरेला में 247 हेक्टेयर और बवाना 221 हेक्टेयर और भोरगढ़ में 172 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। 69 हेक्टेयर में सुरक्षित सिक्योर्ड लैंडफिल फेसेलिटी (एसएलएफ) साइट के अलावा 14.6 हेक्टेयर में अनाज मंडी और 8.5 हेक्टेयर में ई-कचरा प्रबंधन के लिए ईको पार्क के रूप में विकसित करने की भी योजनाएं चल रही हैं।

बेहतर होगी कनेक्टिविटी

नरेला में परिवहन सुविधा को बेहतर बनाने के लिए फेज-4 के तहत रिठाला, बवाना, नरेला कारिडोर पर सड़क, रेल व हवाई अड्डे और मेट्रो की कनेक्टिविटी के विकास की भी योजना है।

कोचिंग सेंटरों को नरेला में शिफ्ट करने और वहां कोचिंग हब बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके लिए जमीन भी उपलब्ध कराई जाएगी और छात्रों की आवासीय जरूरतों के लिए वहां हजारों फ्लैट भी तैयार हैं। हालांकि अभी यह प्रस्ताव प्रारंभिक स्तर पर है, इसलिए बहुत अधिक नहीं बताया जा सकता। -सुभाशीष पांडा, उपाध्यक्ष, डीडीए

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