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Chakka Jaam in Gurugram: श्रीकृष्णा चौक पर तीन घंटे तक बैठे रहे प्रदर्शनकारी

कृषि कानूनाें के खिलाफ चक्का जाम का साइबर सिटी में श्रीकृष्णा चौक के अलावा कहीं भी असर नहीं दिखा। चौक पर दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक प्रदर्शनकारी बैठकर नारेबाजी करते रहे। तीन बजते ही सभी उठकर चले गए।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sat, 06 Feb 2021 07:06 PM (IST)
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प्रदर्शन के कारण वाहनों का दबाव दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सिरहौल बार्डर से रजोकरी बार्डर के बीच दिखा।
गुरुग्राम (आदित्य राज)। कृषि कानूनाें के खिलाफ चक्का जाम का साइबर सिटी में श्रीकृष्णा चौक के अलावा कहीं भी असर नहीं दिखा। चौक पर दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक प्रदर्शनकारी बैठकर नारेबाजी करते रहे। तीन बजते ही सभी उठकर चले गए। इस दौरान ट्रैफिक डायवर्ट किए जाने की वजह से इलाके में वाहनों का दबाव नहीं अधिक बढ़ा। वाहनों का दबाव दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सिरहौल बार्डर से रजोकरी बार्डर के बीच दिखा। यह दबाव प्रदर्शनकारियों द्वारा जाम लगाने से नहीं बल्कि रजोकरी बार्डर पर वाहनों की जांच की वजह से बना।

शहर में राजीव चौक के नजदीक संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले धरने पर बैठे विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने भी चक्का जाम का समर्थन किया था। इसे देखते हुए चौक के नजदीक चारों तरफ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। गुरुग्राम पुलिस ने साफ कर दिया था कि किसी भी हाल में हाईवे के ऊपर आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

संभवत इसी वजह से राजीव चौक पर धरने पर बैठे लोग पालम विहार इलाके में श्रीकृष्णा चौक पर चक्का जाम करने के लिए पहुंचे। दोपहर 12 बजते ही चौक पर सभी बैठ गए थे। मौके पर मौजूद इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त राजीव कुमार, सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अखिल कुमार एवं ड्यूटी मजिस्ट्रेट श्यामसुंदर शर्मा ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की बजाय ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। इससे ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित तो हुई लेकिन लंबा जाम नहीं लगा। बीच में एक-दो बार प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस अधिकारियों के बीच बहस भी हुई। चौक के नजदीक एक एंबुलेंस इतनी तेज रफ्तार से पहुंची कि यदि प्रदर्शनकारी सक्रिय नहीं रहते तो बड़ा हादसा हो जाता। संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता संतोख सिंह ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं हाेती हैं तब तक विरोध जारी रहेगा।

चक्का जाम में राव कमलबीर सिंह, आरएस राठी, गजे सिंह कबलाना, बीर सिंह, विंग कमांडर (रिटा.) एसएस मलिक, डा. धर्मबीर राठी, मुकेश डागर, अनिल पंवार, हरि सिंह चौहान, प्रदीप जेलदार, सत्यनारायण जांघू, अभय पूनिया, ऊषा सरोहा, सुमन हुड्डा, मीनाक्षी सहरावत एवं भारती देवी सहित काफी संख्या में लोग शामिल हुए।

एक-एक वाहन के ऊपर रखी गई नजर

गुरुग्राम इलाके से दिल्ली में प्रवेश करने वाले एक-एक वाहन के ऊपर नजर रखी गई। इस वजह से सिरहौल बार्डर से लेकर रजोकरी बार्डर पर पूरे दिन ट्रैफिक का दबाव बना रहा। रजोकरी बार्डर पर दिल्ली पुलिस के अलावा आइटीबीपी एवं सीआरपीएफ के जवान तैनात थे। वाहनों की जांच के माध्यम से संदिग्धों के ऊपर नजर रखी गई।

ट्रैफिक दबाव के शिकार हुए लोगों का कहना था कि अब प्रदर्शन बंद होना चाहिए। बहुत नुकसान हो चुका है। सेक्टर-10 निवासी राजकुमार ने कहा कि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे लाइफ लाइन है। कृषि कानूनाें के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन की वजह से वाहनों की जांच करना पुलिस की मजबूरी है। पुलिस की इस मजबूरी से कहीं न कहीं विकास प्रभावित हो रहा है। सेक्टर-40 निवासी रमेश सिंह कहते हैं कि जब केंद्र सरकार डेढ़ साल तक के लिए कानूनों पर रोक लगाने को तैयार है, फिर भी प्रदर्शन जारी रखने का कोई तुक नहीं।

इधर, चक्का जाम को देखते हुए दिल्ली-जयपुर हाईवे, केएमपी एक्सप्रेस-वे के साथ ही सभी सीमावर्ती इलाकों में पुलिस अलर्ट रही। खासकर दिल्ली-जयपुर हाईवे पर मानेसर इलाके में काफी सक्रियता दिखाई गई। जिले के सभी सहायक पुलिस आयुक्त को अलग-अलग इलाकों में तैनात किया गया था।

हाईवे पर कहीं भी चक्का जाम नहीं हुआ। कृष्णा चौक पर लोग बैठे थे। वाहनों का दबाव इलाके में न बढ़े इसके लिए ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया था। जब तक प्रदर्शन चलेगा तब तक दिल्ली-जयपुर हाईवे, केएमपी एक्सप्रेस-वे सहित सभी सीमावर्ती इलाकों में पुलिस विशेष रूप से अलर्ट रहेगी।

केके राव, पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम

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