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Delhi News: चार अस्पतालों में रेडिएशन विभाग, फिर भी नहीं होती कैंसर मरीजों की रेडियोथेरेपी

Delhi Government Hospitals लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के निदेशक डा. विरेंद्र कुमार ने कहा कि लीनियर एक्सीलेटर व ब्रेकीथेरेपी मशीन को इंस्टाल करने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन मशीन कब तक लग पाएगी उन्हें नहीं पता है।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 09 Jan 2023 08:27 AM (IST)
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Delhi News: चार अस्पतालों में रेडिएशन विभाग, फिर भी नहीं होती कैंसर मरीजों की रेडियोथेरेपी
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में हर वर्ष 14 लाख से अधिक लोग कैंसर से पीड़ित होते हैं और लगभग साढ़े सात लाख लोगों की मौत हो जाती है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के कैंसर के मरीज देश के विभिन्न हिस्सों से दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में पहुंचते हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में कैंसर के इलाज की व्यवस्था की क्या दुर्दशा है, इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के चार सरकारी अस्पतालों में रेडिएशन आंकोलाजी विभाग तो है, लेकिन कैंसर मरीजों की रेडिएशन थेरेपी नहीं होती।

कहीं विभाग होने के बावजूद रेडियोथेरेपी की मशीन नहीं है, तो कहीं मशीन ही खराब है। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित संसदीय समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में गंभीर सवाल उठाए हैं। सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव में आर्थिक रूप से कमजोर मरीज इलाज के लिए लंबा इंतजार करने या फिर निजी अस्पतालों में अपनी जमापूंजी खर्च करने के लिए मजबूर होते हैं।

संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के छह मेडिकल कालेजों में रेडिएशन आंकोलाजी के विभाग हैं, लेकिन सिर्फ एम्स और सफदरजंग में ही रेडियोथरेपी की सुविधा है। लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज (एलएचएमसी), मौलाना आजाद मेडिकल कालेज (एमएएमसी) में रेडिएशन आंकोलाजी का विभाग है, लेकिन इनमें रेडिएशन मशीन नहीं है। ऐसे में अभी सिर्फ एम्स, सफदरजंग और दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान में ही रेडियोथेरेपी होती है।

लेडी हार्डिंग के कैंसर सेंटर में अब तक नहीं लगी मशीन

लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पताल में तीन वर्ष से कैंसर सेंटर तैयार है, लेकिन यहां अभी तक रेडियोथेरेपी की मशीन नहीं लग पाई है। लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के निदेशक डा. विरेंद्र कुमार ने कहा कि लीनियर एक्सीलेटर व ब्रेकीथेरेपी मशीन को इंस्टाल करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन मशीन कब तक लग पाएगी, उन्हें नहीं पता। हालांकि, अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि लीनियर एक्सीलेटर मशीन भी अभी तक नहीं आई है। लीनियर एक्सीलेटर के साथ-साथ सीटी स्कैन लगाई जाती है। अभी सीटी स्कैन मशीन ही लग रही है।

ये है रेडिएशन थेरेपी

रेडिएशन थेरेपी, जिसे विकिरण चिकित्सा भी कहा जाता है, कैंसर के उपचार की एक प्रक्रिया है जिसमें कैंसर कोशिकाओं को मारने और ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए विकिरण की हाई डोज का उपयोग करता है। इसका लक्ष्य स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर को नष्ट करना या क्षति पहुंचाना है।

जनकपुरी अस्पताल में चार वर्ष से रेडियोथेरेपी मशीन बंद

जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में चार वर्ष पहले करीब 15 करोड़ रुपये से रेडियोथेरेपी की मशीन लगी थी, जो अब तक बंद है। इस मशीन को लगाने और इससे इलाज की जिम्मेदारी दिल्ली राज्य कैंसर संस्थान की थी। अब इसे जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल प्रशासन को सौंपने की पहल शुरू की गई है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अभी कैंसर संस्थान द्वारा यह मशीन जनकपुरी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को हैंडओवर नहीं हुई है।

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