Delhi News दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में रघुवेंद्र शौकीन कैलाश गहलोत की जगह लेंगे। शौकीन नांगलोई जाट से आप विधायक हैं और 2020 में पहली बार विधायक बने थे। इस बदलाव से दिल्ली सरकार में एक नया चेहरा देखने को मिलेगा। बताया गया कि रघुवेंद्र शौकीन पहले दो बार पार्षद भी रहे हैं। आगे विस्तार से जानिए।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। रघुवेंद्र शौकीन अब दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनेंगे। वे कैलाश गहलोत की जगह लेंगे। बताया गया कि रघुवेंद्र शौकीन नांगलोई जाट से आप विधायक हैं।
बताया गया कि रघुवेंद्र शौकीन सिविल इंजीनियर हैं और दो बार विधायक रहे हैं। इससे पहले दो बार निगम पार्षद रहे हैं।
कैलाश गहलोत के फैसले पर केजरीवाल क्या बोले
उधर, कैलाश गहलाेत के भाजपा ज्वाइन करने पर अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह हर किसी की इच्छा है, वह कहां रहे। वहीं, मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनके साथ गरिमापूर्ण साथ रहा है। अब वह अगर भाजपा के साथ काम करना चाहते हैं तो कहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं, अब यह उनकी इच्छा है।
कैलाश गहलोत ने कल ही छोड़ी थी आप
बता दें कि कैलाश गहलोत ने कल ही आम आदमी पार्टी से को अलविदा कहा है। अब वे बीजेपी पार्टी के साथ मिलकर काम करेंगे। दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने है, इसी को लेकर नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला जारी है।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने दिलवाई सदस्यता
बता दें कि आप सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने आज यानी सोमवार को ही भाजपा पार्टी की सदस्यता ली है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को राष्ट्रीय कार्यालय में उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता दिलवाई है।
चुनाव से पहले छोड़ा आप का साथ
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका देते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने की भी घोषणा की है।
पत्र में खड़े किए गंभीर सवाल
पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में उन्होंने पार्टी व दिल्ली सरकार की कार्य प्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। कहा,दिल्लीवासियों से की गई प्रतिबद्धता पर व्यक्तिगत स्वार्थ भारी पड़ रहा है। दिल्ली सरकार विकास पर ध्यान देने की जगह केंद्र सरकार से लड़ाई में उलझी हुई है। इससे दिल्ली को नुकसान पहुंच रहा है।
मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण को लेकर विवाद और यमुना की बदहाली को लेकर भी आप को जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उनके पास परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचना व तकनीक, गृह, महिला व बाल विकास विभाग थे।
आम आदमी पार्टी का क्या कहना?
आप का कहना है कि ईडी और आयकर विभाग की कार्रवाई के कारण गहलोत के सामने इस्तीफा देने के सिवाय कोई और विकल्प नहीं रह गया था। रविवार दोपहर 12.17 बजे गहलोत ने एक्स पर मंत्री पद से इस्तीफा देने और केजरीवाल को लिखे गए पत्र को पोस्ट किया। पत्र में विधायक और एक मंत्री के रूप में दिल्ली के लोगों की सेवा करने और उनका प्रतिनिधित्व करने का सम्मान देने के लिए केजरीवाल का धन्यवाद करने के साथ ही पार्टी व सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
कहा, आज पार्टी के सामने गंभीर चुनौतियां हैं। ये चुनौतियां पार्टी के भीतर से हैं, जो उन्हीं मूल्यों से जुड़ी हैं जिनके कारण हम आम आदमी पार्टी में आए थे। राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर हावी हो गई हैं, जिसके कारण कई वादे अधूरे रह गए हैं। उन्होंने यमुना की बदहाली का उदाहरण दिया। कहा है कि यमुना नदी को ही लें, जिसे हमने स्वच्छ नदी बनाने का वादा किया था, लेकिन कभी पूरा नहीं कर पाए।
गहलाेत ने टिप्पणी की है कि अब यमुना नदी शायद पहले से भी ज़्यादा प्रदूषित हो गई है। इसके साथ ही गहलोत ने आम आदमी पार्टी को सबसे अधिक परेशान करने वाले ''शीशमहल'' विवाद का भी जिक्र किया है।
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कहा कि अब ''शीशमहल'' जैसे कई शर्मनाक और अजीबोगरीब विवाद भी सामने आ रहे हैं, जो अब सभी को यह संदेह पैदा कर रहे हैं कि क्या हम अब भी आम आदमी होने में विश्वास रखते हैं।पत्र में कहा है कि एक और दुखद बात यह है कि लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय हम केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए लड़ रहे हैं। इसने दिल्ली के लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की हमारी क्षमता को भी गंभीर रूप से कमज़ोर कर दिया है।
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