राहुल गांधी जल्द शुरू करेंगे 'भारत डोजो यात्रा', क्या है DOJO? कांग्रेस नेता ने VIDEO शेयर कर समझाया
राहुल गांधी की आगामी भारत डोजो यात्रा युवाओं को मार्शल आर्ट के ज़रिए सशक्त बनाने पर केंद्रित होगी। इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी युवाओं को जूडो कराटे मेडिटेशन और अहिंसक तकनीकों का प्रशिक्षण देंगे। इसका उद्देश्य युवाओं में हिंसा के बजाय सौम्यता और करुणा की भावना विकसित करना है। इस यात्रा के बारे में अधिक जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह मार्शल आर्ट की कला बच्चों को सिखाते नजर आ रहे हैं। वह कैसे प्रतिद्वंदी को मात देनी है, इसके गुर भी बेहतर तरीके से समझाते नजर आ रहे हैं।
उन्होंने लिखा- भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान जब हम हजारों किलोमीटर की यात्रा पर थे, तब हमारे कैम्प में हर शाम जिउ-जित्सु की प्रैक्टिस की जाी थी। यह फिट रहने का एक सरल तरीका था। इसके बाद यह जल्दी ही एक कम्युनिटी एक्टिविटी में बदल गया। हम जिस शहर में रुकते वहां यात्रा में शामिल लोग और उन शहरों के यंग मार्शल आर्ट के स्टूडेंट्स इसमें शामिल होते थे।
During the Bharat Jodo Nyay Yatra, as we journeyed across thousands of kilometers, we had a daily routine of practicing jiu-jitsu every evening at our campsite. What began as a simple way to stay fit quickly evolved into a community activity, bringing together fellow yatris and… pic.twitter.com/Zvmw78ShDX
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 29, 2024
युवाओं को जेंटल आर्ट की खूबसूरती से रूबरू कराना
उन्होंने लिखा कि हमारा मकसद इन युवाओं को इस जेंटल आर्ट की खूबसूरती से रूबरू कराना था। मेडिटेशन, जिउ-जित्सु, आइकिडो और नॉन वॉइलेंट टेक्नीक्स का कॉम्बिनेशन है। हम चाहते थे कि हिंसा की जगह उनमें जेंटलनेस हो। इस कारण उनमें अधिक दया भाव आए और हमें सुरक्षित समाज बनाने में मदद मिल सके।
उन्होंने लिखा- इस राष्ट्रीय खेल दिवस पर मैं आप सभी से अपना अनुभव शेयर करना चाहता हूं। उम्मीद है कि आप में से कुछ लोग जेंटल आर्ट की प्रैक्टिस के लिए इंस्पायर होंगे। भारत डोजो यात्रा जल्द ही आ रही है।
आखिर क्या है DOJO
डोजो एक तरह के मार्शल आर्ट सिखाने की जगह है। यह ऐसी जगह होती है, जहां लोग जूडो-कराटे या किसी दूसरे मार्शल आर्ट की प्रैक्टिस कर सकते हैं। जापानी भाषा में इसे 'जाने का रास्ता' कहते हैं। सबसे शुरुआती डोजो बौद्ध मंदिरों के अंदर बने होते थे। जहां गहन प्रशिक्षण होता था। इसमें केंडो की मार्शल आर्ट के साथ-साथ मेडिटशन भी शामिल था।
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