जागरण फिल्म फेस्टिवल में बोले राहुल रवेल, अब फिल्मों में कहानी नहीं होती
राहुल का कहना है अच्छे लेखकों के अभाव में फिल्मों की कॉमेडी भी अपना वजूद खो चुकी है। कॉमेडी लिखना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है।
नई दिल्ली (प्रियंका मेहता दुबे)। राहुल रवैल हिंदी फिल्मों में बेहतरीन प्रेमकथाओं को चित्रित करने वाले निर्देशक के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने न केवल लव स्टोरी, बेताब और बेखुदी जैसी सुपरहिट फिल्में बनाईं बल्कि कुमार गौरव, सनी देयोल, विजेयता पंडित जैसे कलाकारों की प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें लांच भी किया। सुपरस्टार एश्वर्या राय की पहली हिंदी फिल्म ‘और प्यार हो गया’ भी राहुल रवैल ने ही बनाई थी।
जागरण फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन सिरीफोर्ट आडिटोरियम पहुंचे राहुल रवैल ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि इन दिनों बिना प्रतिभा को जांचे कलाकारों को लांच कर दिया जाता है, पहले ऐसा नहीं होता था। पहले कई चीजें ध्यान में रखकर सैकड़ों में से किसी एक को चुना जाता था। लांच करने के बाद उनकी सफलता उनके आगे की मेहनत पर भी निर्भर करती थी। उन्हें इस बात का अफसोस है कि आज के दौर में अब उस तरह की चीजें नहीं रह गई हैं।
आज के दौर की फिल्मों के बारे में राहुल कहते हैं कि आज फिल्में नहीं बन रही हैं, बस लोग पैसा कमाना चाहते हैं। न फिल्मों में कहानी होती है, न प्रेम और न ही वह दर्द जो दर्शकों को बांधता था और वर्षो उन्हें वह फिल्म याद रहती थी। फिल्में कंप्यूटर पर बैठने मात्र से नहीं बन जाती बल्कि उसके लिए पूरी टीम को अपने आपको झोंक देना होता है। आज लोग अपने कंफर्ट जोन से निकलना ही नहीं चाहते। वे बस फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर कमाई की गणना करते हैं और निकल पड़ते हैं अगली फिल्म बनाने।
राहुल का कहना है अच्छे लेखकों के अभाव में फिल्मों की कॉमेडी भी अपना वजूद खो चुकी है। कॉमेडी लिखना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है और लोग इसके अभाव में कॉमेडी को फूहड़ता का जामा पहनाने पर तुल गए हैं। रवैल ने कहा कि जेएफएफ फिल्म निर्माताओं और देश भर के विभिन्न शहरों के लोगों के बीच एक सेतु का काम करता है। जिस तरह की फिल्मों को यहां मंच मिलता है जो जागरूकता के अभाव में आम लोगों तक पहुंच ही नहीं पाती। वह पहले भी जागरण फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा रहे हैं।