राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को फिर धमकाया, इस बार दिया दो माह का समय, जानिए अब क्या कहा
तीन कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग को लेकर बीते सात माह से किसानों का दिल्ली की सीमा पर धरना-प्रदर्शन जारी है। कई दौर की वार्ता के बाद भी किसानों के साथ सरकार की बातचीत का सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 11 Jul 2021 07:11 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। तीन कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग को लेकर बीते सात माह से किसानों का दिल्ली की सीमा पर धरना-प्रदर्शन जारी है। कई दौर की वार्ता के बाद भी किसानों के साथ सरकार की बातचीत का सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आए दिन सरकार को किसी न किसी तरह से तीनों कानून को खत्म करने के लिए कहते रहते हैं। अब उन्होंने सरकार को धमकाते हुए सितंबर तक का समय दिया है। साथ ही ये भी कहा है कि सरकार किसानों की बात मानकर कानून वापस ले, एमएसपी को कानून बनाए अन्यथा इस बार संघर्ष बड़ा होगा किसानों के ट्रैक्टर लाल किले का ही नहीं संसद का भी रास्ता जानते हैं।
उधर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) शनिवार को अपने काफिले के साथ कुंडली बार्डर पर चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन स्थल पर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन यह भी तय है कि आंदोलनकारी तीनों कृषि कानूनों के रद होने तक घर वापसी नहीं करेंगे। उन्होंने साफ किया कि केंद्र सरकार की शर्तों पर बातचीत नहीं की जाएगी।
नहीं हटेंगे पीछेसरकार को सितंबर तक का समय है सरकार किसानों की बात मानकर कानून वापस ले एमएसपी को कानून बनाए अन्यथा इस बार संघर्ष बड़ा होगा किसानों के ट्रैक्टर लाल किले का ही नहीं संसद का भी रास्ता जानते हैं#कृषि_कानून_रद्द_करो pic.twitter.com/H44Pwe4s7d
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) July 11, 2021
मंच से आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए टिकैत ने साफ किया कि सरकार कितना भी षड्यंत्र रच ले, हमलोग पीछे हटने वाले नहीं है। 22 जुलाई से संसद के मानसून सत्र के दौरान रोजाना कम-से-कम 200 आंदोलनकारी धरनास्थलों से संसद भवन पहुंचेंगे और वहां पर प्रदर्शन करेंगे। धरनास्थलों से सभी लोग बसों या कारों के जरिए संसद तक जाएंगे। उन्होंने धरनास्थलों पर आंदोलनकारियों की संख्या पर कहा कि फिलहाल गर्मी ज्यादा है।
ठंड में ही सरकार का इलाज होगा
ठंड शुरू होते ही धरनास्थलों पर फिर से बेताहाशा भीड़ हो जाएगी और ठंड में ही सरकार का इलाज किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में हाल में हुए पंचायत चुनावों का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा था कि यहां सरकार की गुंडागर्दी देखने को मिली। प्रत्याशियों को पर्चा ही नहीं भरने दिया गया और उन्हें मार कर भगा दिया गया। विधानसभा चुनाव में इसका बदला लिया जाएगा। अभी से इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। कुंडली बार्डर पर रास्ता खुलवाने की मांग कुंडली बार्डर पर चल रहे आंदोलन के कारण सात माह से बंद पड़े जीटी रोड का एक लेन खुलवाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे आसपास के करीब दो दर्जन गांव के लोगों की बैठक हुई। राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के बैनर तले सरकार, प्रशासन और आंदोलनकारियाें से रास्ते की मांग कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि बैठक में रास्ता खोलने को लेकर विस्तार से बातचीत की गई। ये भी पढ़ें- वीडियों में नन्हीं बच्ची का कविता प्रेम देख अचंभित हुए कवि कुमार विश्वास, पढ़िए क्या कहा
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