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Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने किया पीएम नरेन्द्र मोदी की मंशा पर शक, कही हैरान करने वाली बात

Kisan Andolan तीनों केंद्रीय कानूनों को निरस्त करने का ऐलान खुद पीएम मोदी ने किया है।वहीं दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इशारों-इशारों में केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।

By Jp YadavEdited By: Updated: Mon, 22 Nov 2021 03:25 PM (IST)
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Kisan Andolan:'शहद से ज्यादा मीठी बात, कोई न कोई प्लान है' पढ़ें- राकेश टिकैत ने किसकी मंशा पर उठाए सवाल
नई दिल्ली/गाजियाबाद, आनलाइन डेस्क। पिछले सप्ताह गुरुनानक जयंती के शुभ दिन बड़ा दिल दिखाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने का ऐलान तो कर दिया है, लेकिन किसान संगठन धरना प्रदर्शन खत्म करने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, national spokesperson of Bharatiya Kisan Union) ने इशारों-इशारों में केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने तो तीनों केंद्रीय कानूनों की वापसी को भाजपा सरकार की एक चाल तक बताया दिया। गाजीपुर बार्डर पर तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस होने पर पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा- 'इतना जो झुक रहा है... कोई न कोई प्लान है...आदमी से ऊपर बिल्कुल आ गया... कोई न कोई प्लान है...शहद से ज्यादा मीठी बात करी।'

बता दें कि केंद्र में सत्तासीन नरेंन्द मोदी सरकार ने भले ही तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों वापस लेने की घोषणा कर दी गई हो, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने समेत 6 मुद्दों को लेकर आंदोलन अब भी जारी है। इतना ही नहीं, संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने बताया  है कि आगामी 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं उन्हें रोका नहीं जाएगा। इसी कड़ी में सोमवार को लखनऊ में किसानों की रैली भी आयोजित की गई।

कृषि कानूनों के निरस्त होने के ऐलान के बाद गाजीपुर बार्डर पर धरना प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार को कोई बातचीत करनी है तो वो बात कर सकते हैं। यह बातचीत अगर शुरू में ही हो गई होती तो 700 से अधिक किसानों की का निधन नहीं होता। इस दौरान मीडिया से बातचीत में राकेश टिकैत ने यह भी दोहराया संसद में तीनों केंद्रीय कानूनों को निरस्त करने और फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी दिए जाने के बाद ही किसान आंदोलन वापस लिया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु पर्व के पावन अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान एक साल पहले लाए गए तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा भी की। इतना ही नहीं अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कानूनों के फायदे किसानों को नहीं समझा पाने के लिए जनता से माफी भी मांगी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि तीनों कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए थे, लेकिन हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम किसानों के एक वर्ग को मना नहीं पाए। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों, खासकर छोटे किसानों को सशक्त बनाना था। इसके साथ उन्होंने जानकारी भी दी है कि इसे संसद में निरस्त किया जाएगा।

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