राकेश टिकैत ने बताया पश्चिमी यूपी में किसानों ने विधानसभा चुनाव में किन मुद्दों को ध्यान में रखकर डाले वोट, आप भी जानें
मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब राजस्थान हरियाणा और यूपी के किसानों ने एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था। केंद्र सरकार ने इन तीनों कानूनों को खत्म किया उसके बाद किसान अपने घरों को वापस लौटे।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं। राजनीतिक दल तमाम मुद्दों को लेकर वोट मांग रहे हैं। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने भी आगे बढ़कर बयान दिया है। उनका कहना है कि अब किसान मुद्दाविहीन राजनीति में हिस्सा नहीं ले रहे हैं बल्कि उनको इस बात का पता चल गया है कि किन मुद्दों को ध्यान में रखना है और किस पार्टी को वोट देना है।
अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट पर ट्वीट करते हुए राकेश टिकैत ने लिखा है कि पश्चिम यूपी में अब आपस में बांटने, झगड़ने, मुद्दाविहीन राजनीति करने के दिन लद गए। किसानों-कमेरों और ग्रामीण जनता ने नफरत को नकार मुद्दों पर वोट डाले, आगे भी डालेंगे। ये आंदोलन की देन है। लोकतंत्र की मजबूती और बेलगाम सरकारों पर अंकुश के लिए आंदोलन भी जरूरी है।
मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और यूपी के किसानों ने एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था। जब केंद्र सरकार ने इन तीनों कानूनों को खत्म किया उसके बाद किसान अपने घरों को वापस लौटे। प्रदर्शन के दौरान ये भी कहा गया कि इस बार के चुनाव में किसान भाजपा के विरोध में वोट करेंगे। पश्चिमी यूपी की कई विधानसभाओं में किसानों का दबदबा है वो चुनाव जितवाने में भूमिका निभाते हैं। मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ जैसे इलाकों में इनका दबदबा है।
यहां से अभी तक चौधरी अजीत सिंह ही जीतकर आया करते थे। उसके बाद अब जयंत चौधरी उनकी विरासत को संभाल रहे हैं, हालांकि बीते दो बार से जयंत का जादू नहीं चल पाया मगर इस बार ये माना जा रहा है कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान एकजुट होंगे और चौधरियों की चौधराहट वापस मिलेगी। खैर चुनाव के नतीजे तो 10 मार्च को ही सामने आएंगे मगर राकेश टिकैत ने ये जरुर बता दिया है कि अब किसान किन चीजों को ध्यान में रखकर वोट डाल रहे हैं।