Rakesh Tikait Birthday: यूपी गेट पर मनाया जा रहा है राकेश टिकैत का जन्मदिन, जानें- बड़े भाई क्या दे रहे हैं गिफ्ट
Rakesh Tikait Birthday News नरेश टिकैत का कहना है कि वह अपने छोटे भाई राकेश टिकैत का जन्मदिन मनाने के लिए गाजीपुर बॉर्डर आ रहे हैं। जन्मदिन जोरशोर से मनाने के लिए उन्होंने घर पर ही 11 क्विंटल रसगुल्ले बनवाए गए है।
नई दिल्ली/ गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में 6 महीने से जारी किसान आंदोलन के अहम नेताओं में शुमार राकेश टिकैत का 4 जून को जन्मदिन है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और संगठन के अध्य्क्ष महेंद्र सिंह टिकैत के वे दूसरे बेटे हैं। उनका संगठन उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत में सक्रिय है। गौरतलब है कि भाकियू नेता राकेश टिकैत का जन्मदिन गाजीपुर बॉर्डर पर मनाया जा रहा है। राकेश टिकैत का जन्मदिन मनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष और बड़े भाई नरेश टिकैत 11 क्विंटल रसगुल्ले लेकर कुछ घंटों के भीतर गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। फिर गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत का जन्मदिन मनाया जाएगा। छोटे भाई का जन्मदिन मनाने के लिए नरेश टिकैत 11 क्विंटल रसगुल्ले लेकर रवाना हो गए हैं। उन्होंने गाजीपुर ब़ॉर्डर आने के दौरान बातपत में जानकारी दी है। वैसे राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेगा अथवा नहीं, इस पर सस्पेंस बरकरार है।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का कहना है कि वह अपने छोटे भाई राकेश टिकैत का जन्मदिन मनाने के लिए गाजीपुर बॉर्डर आ रहे हैं। जन्मदिन जोरशोर से मनाने के लिए उन्होंने घर पर ही 11 क्विंटल रसगुल्ले बनवाए गए हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं राकेश टिकैत
राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता हैं। उनका जन्म 4 जून 1969 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सिसौली में हुआ। वे प्रमुख किसान नेता और बीकेयू के सह-संस्थापक दिवंगत महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं। बता दें कि राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता भी हैं। उनका जन्म 4 जून 1969 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के सिसौली में हुआ। वे प्रमुख किसान नेता और बीकेयू के सह-संस्थापक दिवंगत महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं।
एमए की है मेरठ यूनिवर्सिटी से, दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर रह चुके हैं
राकेश टिकैत ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की नामी मेरठ यूनिवर्सिटी से एमए की डिग्री हासिल की। करियर बनाने की कड़ी में राकेश टिकैत ने 1992 में दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल नौकरी शुरू की। 1993-1994 में लाल किले पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस को छोड़ दिया और BKU के सदस्य के रूप में विरोध में शामिल हो गए। कहा जाता है कि राकेश टिकैत पर दबाव था कि वह किसान आंदोलन खत्म करने के लिए अपने पिता महेंद्र सिंह टिकैत को मनाएं। इससे नाराज होकर राकेश टिकैत ने कांस्टबेल के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद BKU के सदस्य के रूप में विरोध में शामिल हो गए। अपने पिता की मृत्यु के बाद टिकैत आधिकारिक तौर पर बीकेयू में शामिल हो गए और बाद में प्रवक्ता बन गए। 2018 में राकेश टिकैत हरिद्वार, उत्तराखंड से दिल्ली तक किसान क्रांति यात्रा के नेता थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राकेश टिकैत 44 बार जेल जा चुके हैं। एमपी में एक समय भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ 39 दिनों तक जेल में रहें।
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