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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए मुख्य इमाम के खिलाफ फतवा जारी, बहिष्कार के साथ जान से मारने की धमकी

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होने वाले आल इंडिया इमाम आर्गनाइजेशन के मुख्य इमाम डॉ. उमेर अहमद इलियासी के विरूद्ध ही फतवा जारी हो गया है। जानकारों के अनुसार पहली बार मुख्य इमाम को ही फतवा जारी हुआ है जिसमें उनके धार्मिक रूप से बहिष्कार के आह्वान के साथ जान से मारने तक की धमकी दी गई है।

By Nimish Hemant Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 29 Jan 2024 07:51 PM (IST)
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राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने पर मुख्य इमाम डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियासी के खिलाफ फतवा जारी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होने वाले आल इंडिया इमाम आर्गनाइजेशन के मुख्य इमाम डॉ. उमेर अहमद इलियासी के विरूद्ध ही फतवा जारी हो गया है। जानकारों के अनुसार पहली बार मुख्य इमाम को ही फतवा जारी हुआ है, जिसमें उनके धार्मिक रूप से बहिष्कार के आह्वान के साथ जान से मारने तक की धमकी दी गई है।

इस संबंध में मुख्य इमाम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा दिल्ली पुलिस को शिकायत दी है। उधर, विहिप ने उनके विरूद्ध फतवे को दुर्भाग्यपूर्ण व निदंनीय कृत्य बताते हुए कहा है कि अभी भी कुछ कट्टरपंथी लोग इस्लाम को अपनी जागीर समझते हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि इस मामले में खुद को मुस्लिमों का रहनुमा बताने वाले संगठन और लोगों की चुप्पी पर गंभीर सवाल है।

नहीं मांगेंगे माफी

मुख्य इमाम ने बताया कि अयोध्या में प्रभु राम के मंदिर जाने के साथ ही इंसानियत को सबसे बड़ा धर्म तथा राष्ट्र को धर्म से ऊपर बताने से कट्टरपंथी नाराज हैं और उन्हें लगातार फोन और इंटरनेट माध्यमों से धमकियां मिल रही थी। अब फतवा भी जारी हो गया है, लेकिन वह डरने वालों में से नहीं हैं। वह अपने कहे के लिए माफी नहीं मांगेंगे।

मुफ्ती साबिर हुसैनी कासमी के नाम से जारी कुफ्र के फतवे के साथ मुफ्ती का वीडियो भी इंटरनेट माध्यम पर प्रसारित हो रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आमंत्रण पर उमेर अहमद इलियासी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए थे। तब उन्होंने उक्त बातें कही थीं।

इसके पहले भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहने पर भी वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए थे।

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