रामलीला: मंच पर राम मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर व श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की नजर आएगी प्रतिकृति
समिति के संयोजक राजेश गहलोत ने बताया कि इसमें बीच में राम मंदिर की प्रतिकृति और दोनों तरफ काशी विश्वनाथ मंदिर व श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की प्रतिकृति होगी। 96 फीट ऊंचाई पर 140 फीट लंबा व 60 फीट चौड़ा मंच तैयार किया जा रहा है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 15 Sep 2022 05:40 PM (IST)
नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। वर्ष 2019 में राम मंदिर व सुप्रीम कोर्ट की प्रतिकृति बनाकर चर्चा में आई द्वारका सेक्टर-10 स्थित डीडीए ग्राउंड में द्वारका श्रीरामलीला सोसायटी द्वारा आयोजित रामलीला की थीम इस वर्ष भी बेहद खास है। उस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वहां तीर चलाकर रावण दहन किया था और हजारों की तादाद में भीड़ रामलीला मंचन व रावण दहन देखने पहुंची थी।
राम मंदिर, काशी विश्वनाथ और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की दिखेगी प्रतिकृति
इस वर्ष मंच की पृष्ठभूमि पर राम मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर व श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की अद्भुत प्रतिकृति देखने को मिलेगी। प्रतिकृति तैयार करने का कार्य जोर-शोर से शुरू हो गया है। समिति के संयोजक राजेश गहलोत ने बताया कि इसमें बीच में राम मंदिर की प्रतिकृति और दोनों तरफ काशी विश्वनाथ मंदिर व श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर की प्रतिकृति होगी। 96 फीट ऊंचाई पर 140 फीट लंबा व 60 फीट चौड़ा मंच तैयार किया जा रहा है, ताकि दूर से ही दर्शकों को यह प्रतिकृति नजर आएं। मंच पर 140 फीट लंबी व 14 फीट चौड़ी एनिमेशन स्क्रीन लगाई जाएगी।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इंडिया गेट भी होगा देखने लायकइसके अलावा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत इस वर्ष रामलीला मंचन के मुख्य प्रवेश द्वार पर इंडिया गेट की प्रतिकृति तैयार की जाएगी। वहीं अन्य चार प्रवेश द्वार का नाम स्वतंत्रता सेनानियों पर रखे, जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सदर वल्लभ भाई पटेल, चंद्रशेखर आजाद व महात्मा गांधी शामिल है। 26 सितंबर से रामलीला मंचन शुरू होगा। रामलीला मंचन के साथ दर्शक मेले का भी लुत्फ उठा सकेंगे।
दो साल बाद हो रहा रामलीला का मंचनराजेश गहलोत ने बताया कि दो वर्ष के बाद रामलीला का मंचन हो रहा है, ऐसे में हमने सर्वश्रेष्ठ कलाकारों का चयन किया है ताकि वे दर्शकों को बांध सकें। इसके लिए गोकुल गार्डन में बीते तीन माह से सभी कलाकार अभ्यास कार्य में जुटे हैं। जहां तक रावण दहन की बात है, उसके लिए 95 फुट ऊंचा पुतला बनाने का कार्य जारी है। वहीं, मेघनाद का 75 फुट और कुंभकरण का 85 फुट ऊंचा पुतला तैयार किया जा रहा है।
स्पीकर और एनिमेशन की मदद से होगा रावण दहन राजेश गहलोत ने बताया कि पटाखों पर प्रतिबंध को मद्देनजर रखते हुए स्पीकर व एनिमेशन के मदद से रावण दहन किया जाएगा। यानि स्पीकर पर पटाखों की आवाज सुनाई देगी और इसी बीच रावण दहन होगा। लोगों को यह जीवंत लगे इसमें एनिमेशन का अहम योगदान होगा।
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