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शुरू होते ही ठप हुए राशन वितरण केंद्र, निराश लौट रहे लोग

दक्षिणी दिल्ली में नगर निगम के 11 स्कूलों के अलावा दिल्ली सरकार के कई स्कूलों में भी अनाज वितरण केंद्र बनाए गए हैं। यहां सुबह 10 से शाम चार बजे तक राशन बांटा जाना था। लेकिन अनाज लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 09:11 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 09:11 PM (IST)
दिल्ली सरकार ने राशन बांटने की योजना शुरू की है।

नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]।  दिल्ली सरकार ने ऐसे लोगों को राशन बांटने की योजना शुरू की है जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। राशन लेने के लिए वितरण केंद्रों पर लोगाें की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं, जबकि ज्यादातर केंद्रों पर राशन पहले ही दिन खत्म हो गया था। अब लोग इन केंद्रों पर आते हैं, कतार में लगते हैं और जब उन्हें बताया जाता है कि राशन नहीं है तो मायूस होकर वापस चले जाते हैं।योजना के मुताबिक, आधार कार्ड पर राशन दिया जाना है, लेकिन अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है तब भी उसे राशन दिया जाना अनिवार्य है। लोगों का कहना है कि जब सरकार के पास बांटने के लिए अनाज ही नहीं था तो योजना शुरू क्यों कर दी गई। वहीं, विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर राजेश सकरवाल ने बताया कि पहली खेप में जो अनाज आया था वह बंट गया। जल्द ही नई खेप आएगी।

भीड़ के कारण संक्रमण का भी खतरा

दक्षिणी दिल्ली में नगर निगम के 11 स्कूलों के अलावा दिल्ली सरकार के कई स्कूलों में भी अनाज वितरण केंद्र बनाए गए हैं। यहां सुबह 10 से शाम चार बजे तक राशन बांटा जाना था। लेकिन अनाज लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने के कारण केंद्रों पर इतनी ज्यादा भीड़ लग जाती है कि शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पाता है। बहुत से लोग तो ठीक से मास्क भी नहीं लगाए होते हैं। यानि लोगों को अनाज मिले या न मिले, कोरोना संक्रमण मिलने की पूरी संभावना है। इन केंद्रों पर राशन बांटने के लिए शिक्षकों की ही ड्यूटी लगाई गई है। इसलिए उनको भी डर है कि कहीं वे संक्रमण की चपेट में न आ जाएं।

इसलिए भी हो रही है मुश्किल

हर केंद्र पर पहले दिन 28 कुंटल गेहूं और सात कुंटल चावल भेजा गया था। एक आधार कार्ड पर चार किलो गेहूं और एक किलो चावल दिया जा रहा है। हर केंद्र से एक दिन में आनलाइन 400 कूपन जारी किए जा सकते हैं। और एक कूपन पर अधिकतम नौ आधार कार्ड के लिए राशन लिया जा सकता है। इसके लिए सभी नौ आधार कार्ड दिखाना जरूरी है। यानि एक कूपन पर अधिकतम 45 किलो अनाज लिया जा सकता है। बंटना शुरू हुआ तो ज्यादातर केंद्रों पर पहले ही दिन राशन खत्म हो गया। ओखला विधानसभा में पांच वार्ड हैं। हर वार्ड में एक केंद्र बनाया गया है। लेकिन सभी केंद्रों पर पहले ही दिन राशन खत्म हो गया। इलाके के फूड सप्लाई आफिसर हरीश ने बताया कि जल्द ही राशन आने वाला है। इस बार हर केंद्र पर चार गुना राशन आएगा ताकि वितरण में कोई परेशानी न हो। सोमवार को राशन खत्म हो जाने पर अबुल फजल एन्कलेव स्थित निगम विद्यालय में लोगों ने हंगामा भी किया।

पूरी दिल्ली में यही हाल है

पूर्वी दिल्ली के वेलकम, सोनिया विहार, रोहतास नगर सहित कई केंद्रों में तीन दिनों से राशन नहीं बंट रहा है। वेलकम केंद्र पर माया कुमारी ने कहा कि तीन दिन से आ रही हैं लेकिन राशन नहीं मिला। वहीं, मोनिका ने बताया कि वह रोहतास नगर केंद्र पर चार दिन से आ रही हैं लेकिन राशन नहीं मिला। नई सड़क निवासी प्रवीण कश्यप ने बताया कि जामा मस्जिद पुलिस स्टेशन के बगल में स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में दो दिन ही राशन बंटा। पश्चिमी दिल्ली के विश्वास पार्क निवासी मिथिलेश ने बताया कि द्वारका सेक्टर दो स्थित स्कूल पर राशन न होने की पर्ची लगी थी। बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी, जहांगीरपुरी, बुराड़ी, किराड़ी समेत रोहिणी सेक्टर 20, 21 में केंद्रों पर लंबी कतारें हैं। लेकिन सभी को राशन नहीं मिल रहा है। लोगों का आरोप है कि जान पहचान के नाम पर राशन बांटा जा रहा है।

अनाज की बर्बादी पर भी उठ रहे हैं सवाल

लोगों का आरोप अभी राशन खत्म होने की बात कही जा रही है। जबकि पिछले साल जब भरपूर मात्रा में अनाज आया था तब उसे बांटा नहीं गया। स्कूलों में पड़ा-पड़ा हजारों टन अनाज सड़ गया। दैनिक जागरण ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया लेकिन अभी तक अनाज बर्बादी के मामले की जांच के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है।


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