यात्रियों के खाने में मुंह मार रहे चूहे, इंडियन रेलवे की इस टाॅप क्लास ट्रेन से सामने आई तस्वीर, जानें पूरा मामला
सुरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए विशेष संरक्षा अभियान बिना टिकट यात्रियों और टिकट दलाल को पकड़ने के लिए रेलवे विशेष अभियान चलाता है। इसके साथ अब चूहों की समस्या दूर करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। चूहे रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ ही पटरी के नीचे जमीन को खोखला कर रहे हैं जिससे सुरक्षित ट्रेन परिचालन में बाधा उत्पन्न होती है।
By Santosh Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sat, 21 Oct 2023 10:02 PM (IST)
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। Delhi Train Rat Attack: सुरक्षित ट्रेन परिचालन के लिए विशेष संरक्षा अभियान, बिना टिकट यात्रियों और टिकट दलाल को पकड़ने के लिए रेलवे विशेष अभियान चलाता है। इसके साथ अब चूहों की समस्या दूर करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसके कारण भी हैं। चूहों से रेलवे प्रशासन और यात्री दोनों परेशान हैं।
रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ ही पटरी के नीचे जमीन को खोखला कर रहे हैं, जिससे सुरक्षित ट्रेन परिचालन में बाधा उत्पन्न होती है। प्रतिक्षालय से लेकर ट्रेन तक में चूहे नजर आ जाते हैं। यात्रियों के सामान को नुकसान पहुंचता है।
15 अक्टूबर को एक यात्री ने लोकमान्य तिलक टर्मिनल मुंबई-मडगांव एक्सप्रेस के पेंट्री कार में भोजन खराब कर रहे चूहों का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर खाने की गुणवत्ता पर प्रश्न खड़े किए थे। अन्य यात्रियों ने भी इस समस्या को लेकर रेलवे प्रशासन की आलोचना करते हुए इसे दूर करने की मांग की थी।
ट्रेन में चूहे से परेशानी की यह पहली शिकायत नहीं है। अक्सर यात्री इस तरह की शिकायत करते हैं। इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे को एक पखवाड़े का विशेष पेस्ट कंट्रोल अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
अभियान में उठाए में उठाए जाने वाले कदम
- -सभी श्रेणी के वातानुकूलित व गैर वातानुकूलित कोच, पेंट्री कार, स्टेशन परिसर, रेलवे यार्ड और ट्रेन डिपो को इसमें शामिल किया गया है। सभी जगह पेस्ट-कंट्रोल किया जाएगा। इससे संबंधित जानकारी भी वहां चस्पा किया जाएगा।
- -यार्ड में प्रत्येक कोच को सही तरह से लाक करके रखने का निर्देश।
- -यार्ड में प्राथमिक रखरखाव के समय यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोच में कोई चूहा न हो।
- -सीट के नीचे ग्लू बोर्ड व अन्य उपकरण लगाने को कहा गया है।
- -पेस्ट कंट्रोल के समय उपयोग किए जाने वाले रसायन की गुणवत्ता की जांच।
- -किसी तरह की कमी मिलने पर संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई।
ट्रैक को पहुंचाते हैं नुकसान-
- -चूहे रेलवे पटरी के नीचे बिल बना देते हैं। इससे पटरी को नुकसान पहुंचता है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
- - सिग्नल के तार को भी नुकसान पहुंचाते हैं जिससे ट्रेन परिचालन बाधित होता है।
- -कोच में एसी व अन्य बिजली उपकरणों को नुकसान। इससे कोच में आग लगने का खतरा। जून में बिहार संपर्क क्रांति में और पिछले वर्ष भोपाल शताब्दी में चूहे के कारण शाट सर्किट की घटना हुई थी।