Move to Jagran APP

Delhi Coaching Incident: दिल्ली कोचिंग मामले में पुलिस ने सात लोगों को किया गिरफ्तार, अब तक क्या-क्या हुआ?

Old Rajendra Nagar Coaching Center Incident Update ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में हुए हादसे में तीन आईएस अभ्यर्थियों की जान चली गई थी। जिसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में अभी तक सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब अन्य जिम्मेदारों की पहचान करने में पुलिस जुटी है। विस्तृत जांच के लिए मुकदमा क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर किया जा सकता है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 30 Jul 2024 08:18 PM (IST)
Hero Image
Rau's IAS Haadsa: सात लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी। फाइल फोटो
 जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। (Delhi Coaching Haadsa) ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में वर्षा का पानी भरने से डूबकर तीन विद्यार्थियों की मौत के मामले में सात लोगों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस अब सिविक एजेंसियों व अन्य जिम्मेदारों का पता लगाने में जुट गई है।

इस हादसे के लिए दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। जिनकी जिम्मेदारी उस इलाके के सीवर व नालों की साफ सफाई से लेकर बिल्डिंग में चलने वाली गतिविधियों पर नजर रखने की थी, इलाके के फायर विभाग के अधिकारी, जिसने कोचिंग सेंटर मालिक को एनओसी दी थी और बीट अफसर जिन पर इलाके में चलने वाली हर दिन की गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी थी।

दिल्ली पुलिस ने अब तक इन लोगों को किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने अब तक बिल्डिंग मालिक, कोचिंग सेंटर मालिक, कोआर्डिनेटर व सड़क पर जलभराव के दौरान गुजरने वाले एसयूवी चालक को गिरफ्तार किया है। हालांकि मामला राजनीतिक रूप लेने व चौतरफा विरोध के कारण दिल्ली पुलिस अब प्रशासनिक लापरवाही में शामिल जिम्मेदारों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास का दावा कर रही है।

पुलिस अपने दावे पर कहां तक सफल हो पाएगी यह कहना मुश्किल है। क्योंकि करीब ढाई माह पहले विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में आग लगने से सात शिशुओं की मौत के मामले में भी पुलिस जांच में स्वास्थ्य निदेशालय की लापरवाही से घटना घटने का पता चला था। पुलिस ने आरोप पत्र में भी इस बात का जिक्र किया है कि स्वास्थ्य निदेशालय से पांच बेड की अनुमति दी थी, लेकिन घटना के समय 12 बेड का अस्पताल चल रहा था।

उपराज्यपाल ने पुलिस आयुक्त को दिए जांच के निर्देश

नौ मीटर से कम ऊंचाई होने के कारण बिल्डिंग मालिक को फायर से एनओसी की जरूरत नहीं थी। जिससे अस्पताल के मानक के अनुरूप अस्पताल मालिक ने आग बुझाने के यंत्र आदि का बंदोबस्त नहीं किया था। मामले में अस्पताल मालिक व डॉक्टरों को तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जिस स्वास्थ्य निदेशालय पर अस्पताल को चेक करने की जिम्मेदारी थी उसके किसी को भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

सोमवार को ओल्ड राजेंद्र नगर में मौके का मुआयना करने व विद्यार्थियों से बातचीत के बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा व विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव को राज निवास बुलाकर उनसे घटना को लेकर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जांच की रूपरेखा के बारे में निर्देश दिए।

दोनों विभागों को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

राव कोचिंग सेंटर हादसे के मामले में पुलिस का कहना है कि नगर निगम ने मेंटेनेंस विभाग में अनुबंध पर तैनात जिस कनिष्ठ अभियंता विनय मित्तल और वर्क्स विभाग के सहायक अभियंता विश्राम मीणा को निलंबित कर दिया है, उन्हें मुकदमे में आरोपित बना गिरफ्तार किया जाए अथवा नहीं इसको लेकर विचार किया जा रहा है।

दिल्ली फायर विभाग के अधिकारी ने बेसमेंट में स्टोर के लिए एनओसी दी थी। फायर विभाग के अधिकारी की भूमिका के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। इन दोनों विभागों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद निर्णय लिया जाएगा। मुख्यालय सूत्रों की मानें तो मामले की विस्तृत जांच के लिए केस को क्राइम ब्रांच में भी ट्रांसफर किया जा सकता है।

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) करोल बाग, ओल्ड राजेंद्र नगर व पटेल नगर में स्थित उन सभी बिल्डिंग की सूची तैयार कर रही है, जिसमें बेसमेंट में कोचिंग सेंटर मालिकों ने अवैध रूप से लाइब्रेरी बना रखी है। कुछ को स्टोर बनाने व कुछ को पार्किंग करने की शर्त पर एनओसी दी गई है, लेकिन बेसमेंट में अवैध रूप से अन्य व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं।

सभी बीट अफसरों को सूची बनाने की जिम्मेदारी दी गई हैं। उक्त सूची तैयार करके पुलिस एसडीएम व निगम के अधिकारी को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखेगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक राव कोचिंग सेंटर के चेयरमैन वीपी गुप्ता हैं। मामले में गिरफ्तार किए गए कोचिंग सेंटर के सीईओ अभिषेक गुप्ता उनका दामाद है। जिनके जिम्मे कोचिंग सेंटर के संचालन की जिम्मेदारी थी।

कोचिंग सेंटर का शेयर वीपी गुप्ता की बेटी के नाम पर है। पुलिस इनकी जिम्मेदारी के बारे में भी जांच कर रही है। कानूनी राय ले रही है कि इन्हें आरोपित बनाया जाए अथवा नहीं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि शनिवार की रात राव कोचिंग सेंटर में पानी भरने से फायर, एनडीआरएफ व पुलिसकर्मियों ने रेस्क्यू कर जिन 15 विद्यार्थियों को बाहर निकाला था। उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इनके बयान से घटना की सच्चाई का पता लग सकेगा, जिससे आगे की कार्रवाई में मदद मिलेगी।

यह भी पढ़ें: दिल्ली कोचिंग हादसा: Drishti IAS की पहली प्रतिक्रिया, 10 प्वाइंट्स में रखी बात; छात्रों की नाराजगी को बताया सही

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।