Delhi Coaching Incident: दिल्ली कोचिंग मामले में पुलिस ने सात लोगों को किया गिरफ्तार, अब तक क्या-क्या हुआ?
Old Rajendra Nagar Coaching Center Incident Update ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर में हुए हादसे में तीन आईएस अभ्यर्थियों की जान चली गई थी। जिसके बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई में अभी तक सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अब अन्य जिम्मेदारों की पहचान करने में पुलिस जुटी है। विस्तृत जांच के लिए मुकदमा क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। (Delhi Coaching Haadsa) ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में वर्षा का पानी भरने से डूबकर तीन विद्यार्थियों की मौत के मामले में सात लोगों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस अब सिविक एजेंसियों व अन्य जिम्मेदारों का पता लगाने में जुट गई है।
इस हादसे के लिए दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। जिनकी जिम्मेदारी उस इलाके के सीवर व नालों की साफ सफाई से लेकर बिल्डिंग में चलने वाली गतिविधियों पर नजर रखने की थी, इलाके के फायर विभाग के अधिकारी, जिसने कोचिंग सेंटर मालिक को एनओसी दी थी और बीट अफसर जिन पर इलाके में चलने वाली हर दिन की गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी थी।
दिल्ली पुलिस ने अब तक इन लोगों को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने अब तक बिल्डिंग मालिक, कोचिंग सेंटर मालिक, कोआर्डिनेटर व सड़क पर जलभराव के दौरान गुजरने वाले एसयूवी चालक को गिरफ्तार किया है। हालांकि मामला राजनीतिक रूप लेने व चौतरफा विरोध के कारण दिल्ली पुलिस अब प्रशासनिक लापरवाही में शामिल जिम्मेदारों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास का दावा कर रही है।पुलिस अपने दावे पर कहां तक सफल हो पाएगी यह कहना मुश्किल है। क्योंकि करीब ढाई माह पहले विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में आग लगने से सात शिशुओं की मौत के मामले में भी पुलिस जांच में स्वास्थ्य निदेशालय की लापरवाही से घटना घटने का पता चला था। पुलिस ने आरोप पत्र में भी इस बात का जिक्र किया है कि स्वास्थ्य निदेशालय से पांच बेड की अनुमति दी थी, लेकिन घटना के समय 12 बेड का अस्पताल चल रहा था।
उपराज्यपाल ने पुलिस आयुक्त को दिए जांच के निर्देश
नौ मीटर से कम ऊंचाई होने के कारण बिल्डिंग मालिक को फायर से एनओसी की जरूरत नहीं थी। जिससे अस्पताल के मानक के अनुरूप अस्पताल मालिक ने आग बुझाने के यंत्र आदि का बंदोबस्त नहीं किया था। मामले में अस्पताल मालिक व डॉक्टरों को तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जिस स्वास्थ्य निदेशालय पर अस्पताल को चेक करने की जिम्मेदारी थी उसके किसी को भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।सोमवार को ओल्ड राजेंद्र नगर में मौके का मुआयना करने व विद्यार्थियों से बातचीत के बाद उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा व विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव को राज निवास बुलाकर उनसे घटना को लेकर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जांच की रूपरेखा के बारे में निर्देश दिए।
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