2000 Rupee के नोट को बदलने से जुड़ी याचिका का RBI ने किया विरोध, दिल्ली हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर कहा कि आरबीआई व भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) द्वारा जारी अधिसूचनाएं मनमाना तर्कहीन होने के साथ ही संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन करती हैं। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 23 May 2023 12:06 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बिना फार्म और पहचान प्रमाण के दो हजार रुपये के नोट बदलने की अनुमति के खिलाफ दायर जनहित याचिका का भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India/ RBI) ने दिल्ली हाईकोर्ट में विरोध किया।
आरबीआई की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिका को भारी जुर्माना लगाते हुए खारिज किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने तमाम निर्णयों में कहा है कि अदालतों को नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। आरबीआई की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अदालत उचित निर्णय पारित करेगी।
वहीं, याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर कहा कि आरबीआई व भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) द्वारा जारी अधिसूचनाएं मनमाना, तर्कहीन होने के साथ ही संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन करती हैं।
याचिका में यह भी कहा कि बड़ी मात्रा में दो हजार की नोट या तो लोगों की तिजोरी पहुंच गई है या फिर अलगाववादियों, आतंकवादियों, माओवादियों, ड्रग तस्करों, खनन माफियाओं और भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा की गई हैं।
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