सीमा पर आठ स्थानों पर लगाएं जाएंगे RDI उपकरण, रेडियोएक्टिव पदार्थों की पहचान कर तस्करी पर लगाई जाएगी रोक
विभिन्न देशों से लगने वाली देश की जमीनी सीमाओं पर विकिरण खोजी उपकरण (आरडीई) लगाए जाएंगे। ये उपकरण पाकिस्तान बांग्लादेश म्यांमार और नेपाल की सीमाओं पर आठ स्थानों पर लगाए जाएंगे। इनसे रेडियोएक्टिव तत्वों से बनी वस्तुओं की तस्करी का पता लगाया जा सकेगा। ये वस्तुएं परमाणु संयंत्रों और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों में इस्तेमाल की जाती हैं।
एजेंसी, नई दिल्ली। विभिन्न देशों से लगने वाली देश की जमीनी सीमाओं पर विकिरण खोजी उपकरण (आरडीई) लगाए जाएंगे। ये उपकरण पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल की सीमाओं पर आठ स्थानों पर लगाए जाएंगे। इनसे रेडियोएक्टिव तत्वों से बनी वस्तुओं की तस्करी का पता लगाया जा सकेगा। ये वस्तुएं परमाणु संयंत्रों और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों में इस्तेमाल की जाती हैं।
कुछ महिनों में करने लगेगा काम
पाकिस्तान से लगने वाली अटारी सीमा पर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट एंड लैंड पोर्ट पर आरडीई लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त बांग्लादेश से लगने वाली सीमा पर पेट्रापोल, अगरतला, दावकी और सूतरकंडी में आरडीई लगेंगे। जबकि नेपाल सीमा पर रक्सौल और जोगबनी में आरडीई लगेंगे। इसी प्रकार से म्यांमार से लगने वाली सीमा पर मोरेह में यह उपकरण लगेगा। आरडीई की आपूर्ति, स्थापना और उनके रखरखाव का ठेका दिया जा चुका है। इन उपकरणों को लगाने का कार्य कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा और ये कार्य करने लगेंगे।
रेडियोएक्टिव पदार्थों की तस्करी पर लगेगी रोक
केंद्र सरकार ने आरडीई लगाने का यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेडियोएक्टिव पदार्थों की तस्करी की बढ़ी हुई घटनाओं के मद्देनजर लिया है। इन आठ उपकरणों के लग जाने से जमीनी रास्ते से सीमा पार से आने-जाने वाले लोगों और वस्तुओं की उचित तरीके से तकनीक जांच हो सकेगी। लंबे समय से आतंकवादी हमले का खतरा झेल रहे भारत के लिए न्यूक्लियर डिवाइस हमेशा से खतरे का सबब रही हैं।
इन अल्पज्ञात उपकरणों को लाना-ले जाना और इस्तेमाल करना आसान है, जानकारी के अभाव में इनकी पहचान मुश्किल है। अब जबकि विश्व में अनिश्चितता के बादल गहरा रहे हैं तब खतरा और बढ़ गया है। इसलिए सरकार ने सतर्कता बरतते हुए सीमा पर आरडीई लगाकर सुरक्षा का स्तर बढ़ाने का निर्णय लिया है।