Move to Jagran APP

Pics: दिल्ली में 'गुमनाम' गांधी जी का आश्रम भ्रष्टाचार व अनदेखी का शिकार, बा के साथ यहां गुजारे थे 10 साल

आश्रम में महात्मा गांधी वर्ष 1930 से वर्ष 1940 तक पत्नी कस्तूरबा गांधी (बा) के साथ रहे थे। जिस मकान में वह रहते थे। वह तो ठीक है लेकिन बाकि स्थान खस्ताहाल है। खाली स्थानों-मैदानों में बड़ी-बड़ी घासे उग आई है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 04 Oct 2021 07:48 PM (IST)
Pics: दिल्ली में 'गुमनाम' गांधी जी का आश्रम भ्रष्टाचार व अनदेखी का शिकार, बा के साथ यहां गुजारे थे 10 साल
जिस आश्रम को महात्मा गांधी ने बसाया और दस साल तक बा के साथ रहे वह अनदेखी का शिकार

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। कम लोगों को गांधी के आश्रम के बारे में पता होगा या जानने के बाद भी वहां गए होंगे। शासन-प्रशासन के साथ आम लोगों से विस्मृत किंग्सवे कैंप स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा बसाया गया यह आश्रम अनदेखी का शिकार है। तकरीबन 22 एकड़ जमीन पर बसे इस आश्रम में महात्मा गांधी वर्ष 1930 से वर्ष 1940 तक पत्नी कस्तूरबा गांधी (बा) के साथ रहे थे। जिस मकान में वह रहते थे। वह तो ठीक है, लेकिन बाकि स्थान खस्ताहाल है। रख-रखाव के अभाव में इमारते, स्कूल, प्रार्थना मंदिर और छात्रावास परिसर जर्जर अवस्था में पहुंच रहे हैं, तो खाली स्थानों-मैदानों में बड़ी-बड़ी घासे उग आई है।

बमुश्किल ही कोई इधर आता है। उसमें भी आश्रम समिति से जुड़े लोगों पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं। जिसकी आतंरिक जांच भी चल रही है और प्रारंभिक तौर पर 50 लाख रुपये से अधिक की अनियमितता सामने आई है।

इसका संचालन हरिजन सेवक संघ (एचएसएस) द्वारा किया जाता है तथा केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और दिल्ली सरकार के सामाजिक कल्याण बोर्ड द्वारा वित्तीय मदद मिलती है।

वैसे तो राष्ट्रीय राजधानी में गांधी से जुड़े कई स्थान है। इसमें राजघाट और 30 जनवरी मार्ग स्थित शक्ति स्थल काफी लोकप्रिय है। लेकिन इस गांधी आश्रम को वह स्थान नहीं मिल पाया है। इस आश्रम में बा का संग्रहालय के साथ दो महिला छात्रावास, आवासीय प्राथमिक विद्यालय, कुछ गेस्ट हाउस, कार्यालय और प्राकृतिक जीवन केंद्र है। हाल के वर्षों में कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिल्टी (सीएसआर) के तहत चल रहा प्रक्षिक्षण केंद्र व कोचिंग सेंटर भी है। हालांकि, आश्रम में बढ़ते इस व्यवसायीकरण से गांधीवादी चिंतित हैं।

महिला छात्रावास और आवासीय प्राथमिक विद्यालय फिलहाल कोरोना के चलते बंद है। दो छात्रावासों में से एक को सीएसआर फंड ने दुरुस्त कराया गया है। इन छात्रावासों में दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को किफायती दर पर कमरा मिल जाता है। डीयू में शिक्षण गतिविधियां शुरू हो गई है, लेकिन छात्रावासों में छात्राओं को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में छात्राओं ने यहां धरना भी दिया था।

इस संघ के प्रथम अध्यक्ष गांधीवादी घनश्याम दास बिडला थे। यहां के कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें काफी कम वेतन-भत्ता मिलता है। आश्रम में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में पूछे जाने पर हरिजन सेवक संघ के सचिव डा रमेश कुमार ने बताया कि अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए एक आतंरिक कमेटी बनाई गई है, जो पूरे प्रकरण की जांच कर रही है।

वहीं, आश्रम की बदहाली के सवाल पर कहा कि आश्रम के सामने कुछ वित्तीय दिक्कतें हैं, लेकिन इसे दुरुस्त कराया जा सकता है, जिसपर समिति गंभीरता से विचार कर रही है।