Red Fort In Delhi: दिल्ली में लाल किला बनाने के पीछे क्या थी मुगल बादशाह शाहजहां की मंशा?
शाहजहां ने अपनी राजधानी आगरा की जगह दिल्ली को बनाने के लिए एक पुराने किले की जगह पर 1638 में लाल किले का निर्माण शुरू करवाया जो 1648 में पूरा हुआ। इसे पूरी तरह बनने में 10 साल का समय लगा।
By Jp YadavEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 06:08 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली ही देश की भी शान लाल किला को विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। मुगल सम्राट शाहजहां ने 1638 ईसवी में इसका निर्माण शुरू करवाया था। किले का निर्माण 1638 में शुरू और 1648 ईसवी तक चला। कुल मिलाकर इसके निमार्ण में तकरीबन 10 साल वर्ष लगे। शाहजहां ने किले के निर्माण के दौरान राजधानी आगरा को दिल्ली स्थानांतरित कर लिया था। वर्ष 2007 में लाल किला को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया। यहां पर रहकर उन्होंने इस शानदार किले को दिल्ली के केन्द्र में यमुना नदी के पास बनवाया। आइये जानते हैं लाल किला की कुछ खूबियां, जिन्हें नहीं जानते होंगे आप।
लाल किला नहीं है असली नामआपको यह जानकर हैरत होगी कि लाल किला का असली नाम किला-ए-मुबारक है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार, लाल किले में इमारत के निर्माण के दौरान कई हिस्से चूना पत्थर इस्तेमाल किया गया था, इसलिए इसका रंग पहले सफेद था। समय के साथ किला की दीवारों पर लगा चूना पत्थर गिरने लगा, तो अंग्रेज शासन के दौरान इस किले को लाल रंग का करवा दिया गया। इसी के बाद इसका नाम लाल किला रखा गया।तब से यही नाम प्रचलित है।
वैसे यह भी कहा जाता है कि लाल किले को बनाने के लिए लाल बालू और पत्थरों का इस्तेमाल किया गया, जिसके चलते इसका नाम लाल किला पड़ा। इसका नाम शाहजहां की ओर क्या रखा गया था, इसकी भी पुख्ता जानकारी इतिहासकारों के पास नहीं है और ही भी तो मतभेद हैं।वहीं, कहा जाता है कि शाहजहां ने जन्नत की कल्पना करते हुए लाल किले के अंदर के कुछ भागों का निर्माण करवाया था जिसे अंग्रेजों ने तोड़ दिया था।
यह भी जानिये
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- लाल किला की आधारशिला 29 अप्रैल 1638 को रखी गई थी।
- लाल किला के निर्माण में एक करोड़ रुपये का खर्च आया था।
- लाल किले की दीवारों की लंम्बाई 2.5 किलोमीटर है। दीवारों की ऊचाई यमुना नदी की ओर 18 मीटर है और शहर की ओर 33 मीटर है।
- महल किले के पूर्वी दिशा में स्थित है। दो भव्य तीन मंजिला मुख्य प्रवेश द्वार, जिनके बगल में अर्द्ध अष्टभुजाकार बुर्ज हैं और जिनमें कई कमरे हैं।
- पश्चिम और दक्षिण दिशाओं के मध्य में स्थित हैं, जिन्हें आप क्रमश: लाहौरी और दिल्ली दरवाजों के नाम से भी जानते हैं।