शराब नीति मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को एक बड़ी पीठ को भेज गया है।न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की याचिका को एक बड़ी पीठ को इसलिए भेजा है कि इस सवाल की जांच की जा सके कि गिरफ्तारी की जरूरत या अनिवार्यता को धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 में एक शर्त के रूप में पढ़ा जाना चाहिए या नहीं।
ईडी के समन का जवाब न देने पर किया गया था गिरफ्तार
सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा ईडी के नौ समन का जवाब न देने के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। खास बात यह है कि केजरीवाल ऐसे पहले सीएम हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री रहते गिरफ्तार किया गया। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
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सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली तो आप में दौड़ी खुशी की लहर
शुक्रवार यानी आज मुख्यमंत्री केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। वहीं सुप्रीम के फैसले का आम आदमी पार्टी
(AAP) ने स्वागत किया है। आप का कहना है कि यह सत्य की जीत है। आप ने अपने एक्स अकाउंट पर सत्यमेव जयते लिखा है।
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क्या हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें?
1. सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी वाले मामले में अंतरिम जमानत मिल गई है। लेकिन सीबीआई केस में केजरीवाल को जेल में ही रहना होगा। सीबीआई ने 25 जून 2024 को केजरीवार को गिरफ्तार किया था।2. सुप्रीम कोर्ट ने सीएम पद से हटने का फैसला अरविंद केजरीवाल पर ही छोड़ा है।3. जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने 17 मई, 2024 को मामले में फैसला सुरक्षित रखने के बाद यह फैसला सुनाया।
4. सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, 'हमने यह भी माना है कि केवल पूछताछ से आपको गिरफ्तारी की अनुमति नहीं मिलती। यह धारा 19 के तहत कोई आधार नहीं है।'5. कोर्ट ने माना कि हमने पूरे मामले में की गहनता से जांच की। लेकिन कुछ सावलों के जवाब के लिए बड़ी बेंच के पास भेजा गया है। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल ने 90 दिनों तक कारावास का सामने किया है।6. कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक निर्वाचित नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, जो एक ऐसा पद है जो महत्वपूर्ण और प्रभावशाली है। हमने आरोपों का उल्लेख किया है। हालांकि हम कोई निर्देश नहीं देते हैं, क्योंकि हमें संदेह है कि क्या कोई अदालत किसी निर्वाचित नेता को मुख्यमंत्री या मंत्री के रूप में पद छोड़ने या काम न करने का निर्देश दे सकती है, हम इस पर फैसला अरविंद केजरीवाल पर छोड़ते हैं। यदि उचित समझा जाए तो बड़ी पीठ सवाल तय कर सकती है और ऐसे मामलों में लगाई जा सकने वाली शर्तें तय कर सकती है।
7. दिल्ली के सीएम ने शुरू में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, 9 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। इससे व्यथित होकर उन्होंने शीर्ष न्यायालय का रुख किया, जिसने 15 अप्रैल को उनकी याचिका पर नोटिस जारी किया। मामले की घटनापूर्ण सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने केजरीवाल की ओर से दलीलें पेश कीं। नेता की गिरफ्तारी की आवश्यकता और समय पर सवाल उठाने के अलावा, वरिष्ठ वकील ने आरोप लगाया कि ईडी ने उनके पक्ष में सामग्री रोक रखी है। सिंघवी की सुनवाई के बाद, अदालत ने ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू से पांच सवाल पूछे, जिनका जवाब उन्होंने बाद के मौकों पर मांगा।
8. कोर्ट में कार्यवाही के दौरान ईडी का पक्ष यह रहा कि यह दिखाने के लिए "प्रत्यक्ष" सबूत मौजूद थे कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये मांगे थे, जो गोवा चुनाव खर्च के लिए आप को दिए गए। यह भी कहा गया कि आप के प्रमुख के रूप में अप्रत्यक्ष दायित्व के अलावा, केजरीवाल आबकारी नीति तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में भी सीधे तौर पर उत्तरदायी थे।9. सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी जरूरी थी या नहीं, बड़ी बेंच की सुनवाई के दौरान देखा जाएगा। वहीं, जांच अधिकारी के फैसले को भी जांचा जाएगा।
10 एक अन्य महत्वपूर्ण मामले में केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी और तीन दिन की पुलिस रिमांड को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उन्होंने सीबीआई मामले में जमानत के लिए याचिका भी दायर की है। दोनों मामलों की सुनवाई 17 जुलाई को तय की गई है।
बड़ी राहत के मायने
. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। सीएम पद पर बने रहना या नहीं, यह केजरीवाल पर छोड़ा है।
. लोकसभा चुनाव के दौरान भी सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी। अब दूसरी बार केजरीवाल को जमानत मिली है। इससे आम आदमी पार्टी की छवि मजबूत हुई है और आगामी विधानसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है।
. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के न्यायमूर्ति ने भी यह बात मानी है कि केजरीवाल 90 दिनों का कारावास काट चुके हैं, इसलिए उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। ऐसे में हो सकता है कि केजरीवाल को बड़ी बेंच से राहत मिल जाए।