EXCLUSIVE: सीएम केजरीवाल ने बताया कैसे काबू में आया कोरोना, क्या है दिल्ली मॉडल
दिल्ली में हमने जब एक जून को लॉकडाउन खोला था तो 15-20 दिन के लिए स्थिति गंभीर हो गई थी। हमने बैठकर योजना बनाई।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 23 Aug 2020 09:10 AM (IST)
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण पाने से आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मुखिया आत्मविश्वास से लबरेज नजर आते हैं। उनका मानना है कि अब हालात धीरे-धीरे सुधरते जाएंगे। दिल्ली मॉडल की पूरे देश में चर्चा हो रही है। इन सभी मुद्दों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दैनिक जागरण के सौरभ श्रीवास्तव व वीके शुक्ला ने विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश..
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात को आप कैसे देखते हैं?दिल्ली में हमने जब एक जून को लॉकडाउन खोला था तो 15-20 दिन के लिए स्थिति गंभीर हो गई थी। हमने बैठकर योजना बनाई। यह देखा कि सिस्टम में कमियां कहां-कहां हैं, उन कमियों को दूर किया, सभी को साथ लिया। सभी एजेंसियों व केंद्र सरकार से मदद ली और हमें खुशी है कि सभी से मिलकर दिल्ली की स्थिति को आज काफी नियंत्रित कर लिया गया है, लेकिन कोरोना एक ऐसी महामारी है, जिसके बारे में कुछ भी अनुमान लगाना मुश्किल है, मैं दिल्ली के लोगों को यही कहूंगा कि स्थिति जरूर नियंत्रण में है पर सावधानी बरतते रहें। मास्क लगाएं और शारीरिक दूरी का पालन करते रहें।
दिल्ली सरकार के किन कदमों से कोरोना संक्रमण व मौतों की संख्या घटाने में मदद मिली? (गहरी सांस लेते हुए..) होम आइसोलेशन और टेस्टिंग, ये दो हथियार सबसे कारगर साबित हुए। टेस्टिंग खूब की और होम आइसोलेशन को बढ़ावा दिया। मैं तो यह कहता हूं कि होम आइसोलेशन की व्यवस्था दिल्ली ने पूरी दुनिया को दी। हमने दिल्ली में होम आइसोलेशन की व्यवस्था की, जिसमें हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर इलाज कराने को कहा। इसके लिए हमने पूरी व्यवस्था की, डॉक्टरों की टीम लगाई, जो मरीजों से हाल-चाल पूछती थी और मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराए। हमारे दिमाग में आया कि जब चिकन पॉक्स हो जाता था तो लोग घर में ही आइसोलेट होते थे और किसी को कोई समस्या नहीं होती थी। यही सोचकर हमने होम आइसोलेशन की व्यवस्था की और खुशी की बात यह है कि 15 जुलाई से अब तक एक भी मरीज की होम आइसोलेशन में मौत नहीं हुई। इससे पहले भी होम आइसोलेशन में एक या दो मरीजों की ही दस-पंद्रह दिन में मौत होती थी।
संक्रमण अब भी है, कंटेनमेंट जोन भी बढ़ रहे हैं, ऐसे में क्या ये चिंता की बात नहीं है?अभी तो चिंता की ऐसी कोई बात नहीं है, लेकिन मैं कहूंगा कि ये अभी और नीचे आना चाहिए। पहले एक दिन में संक्रमण के चार हजार तक मामले आते थे, लेकिन अब एक हजार के करीब यह आंकड़ा टिक गया है। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में यह नीचे आएगा। अभी 24 घंटे में कोरोना से दस-बारह मौतें हो रही हैं, इससे पहले सौ से ऊपर पहुंच गई थीं, यानी हालात तो काफी सुधरे हैं, लेकिन इतनी मौतें भी नहीं होनी चाहिए। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की अभी बैठक थी, जिसमें हमने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रणनीति को लेकर विशेषज्ञों से चर्चा की थी, लेकिन उन्होंने कहा कि अभी रणनीति में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है। दिल्ली सही रास्ते पर चल रही है।
कोरोना से लड़ाई के लिए दिल्ली मॉडल की पूरे देश में चर्चा हो रही है। आखिर यह मॉडल क्या है और आप इसे क्यों अहम मानते हैं?इस मॉडल के तीन सिद्धांत हैं। एक तो सभी सरकारों और सभी व्यक्तियों को समझ लेना चाहिए कि कोरोना बहुत बड़ी बीमारी है, इससे अकेले नहीं लड़ा जा सकता है। सभी को साथ लेकर चलना पड़ेगा। इससे समाज सामने आएगा, संस्थान सामने आएंगे, धार्मिक संगठन सामने आएंगे, व्यक्तिगत रूप से बहुत लोग मदद करने आगे आएंगे। अपनी राजनीतिक विचारधारा को किनारे करना पड़ेगा। राजनीति को भूलकर देश के लिए लड़ना पड़ेगा। हमारा दूसरा सिद्धांत ये था कि हमारी जिसने भी गलतियां निकालीं, उसे हमने गालियां नहीं दीं, उसका हमने स्वागत किया। इसका बड़ा उदाहरण लोकनायक अस्पताल है, जिसके बारे में खूब कमियां निकाली गईं। जून के पहले सप्ताह में इसकी खूब बुराई होती थी, लेकिन बाद में अब सभी इस अस्पताल की तारीफ कर रहे हैं और इसे प्राइवेट से भी अच्छा अस्पताल बता रहे हैं। तीसरा प्लाज्मा बैंक रहा। मृत्युदर घटाने में प्लाज्मा ने काफी मदद की। प्लाज्मा गंभीर मरीजों के लिए भले उतना कारगर नहीं है, लेकिन जिनमें गंभीर लक्षण नहीं हैं, उनके लिए बहुत कारगर साबित हो रहा है।
इसे अन्य राज्य कैसे लागू कर सकते हैं, उनके लिए आपका क्या सुझाव है?दो दिन पहले किसी ने मुझसे पूछा था कि दिल्ली मॉडल को लेकर क्या किसी राज्य ने आपसे सलाह मांगी है। मैंने जवाब दिया कि ऐसा हो सकता है कि राजनीति के चलते दूसरे राज्य हमसे मदद न मांग रहे हों। उन्होंने सुझाव दिया कि कोरोना को रोकने के लिए आपने जो भी छोटे-बड़े काम किए हैं, उन्हें वेबसाइट पर डाल दीजिए। यह मुङो अच्छा लगा। कोरोना को नियंत्रित करने को लेकर हमने जो भी काम किए हैं, उन्हें तीन-चार दिन में दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर डाल देंगे, जिसे आवश्यकता होगी, वह वहां से जानकारी ले लेगा, अगर व्यक्तिगत रूप से कोई मदद मांगेगा तो वह भी करेंगे।
मेट्रो सेवा शुरू करने और डीटीसी बसों में पूरी सवारियां बैठाने को लेकर आपकी क्या योजना है। क्या ये सुरक्षित होगा? मेट्रो शुरू करने के लिए हमने केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। यह केंद्र सरकार को ही करना है। डीटीसी बसों में सवारियों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी डीडीएमए की बैठक में चर्चा हुई थी, लेकिन उस पर फैसला नहीं हो पाया। हम धीरे-धीरे चीजों को खोल रहे हैं। हम ये कोशिश कर रहे हैं कि कोरोना भी न बढ़े और धीरे-धीरे चीजें पटरी पर आती जाएं। बस या मेट्रो में भीड़ हो गई और कोरोना फैला तो दिक्कत हो जाएगी। दिल्ली के तीनों अंतरराज्यीय बस अड्डे भी शारीरिक दूरी का खयाल रखते हुए खोले जा सकते हैं। इस पर विचार किया जा सकता है।
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