पढ़िए- पजामा बिल्डिंग के बारे में, हैरान कर देगी इसकी खूबी
इस इमारत में किसी को ब्रुटलिज्म का दीदार होता है तो किसी को मदुरै स्थित मीनाक्षी मंदिर की याद दिलाती है। लेकिन स्थानीय लोगों के लिए तो यह पैजामा या पजामा इमारत है।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 28 Dec 2019 01:52 PM (IST)
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दक्षिणी दिल्ली के सिरी फोर्ट रोड पर शान से खड़ी राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की बिल्डिंग नायाब वास्तु का बेहतरीन उदाहरण है। यहां से गुजरने वाला हर शख्स निगाहें भर कर इसे एक बार देखता जरूर है। इस इमारत में किसी को ब्रुटलिज्म का दीदार होता है तो किसी को मदुरै स्थित मीनाक्षी मंदिर की याद दिलाती है। लेकिन स्थानीय लोगों के लिए तो यह पैजामा या पजामा इमारत है। यहां के लोग या ऑटो वाले इसे इसी नाम से जानते और बुलाते हैं। एनसीडीसी से बाहर काम करने वाली सहकारी समितियों के लिए यह भवन सहयोग की भावना का उदाहरण है। सिरी फोर्ट रोड स्थित संस्थागत परिसरों में से एक इस इमारत की बनावट का कोई जवाब नहीं है। चारों तरह हरियाली, उत्कृष्ट वास्तु और पीछे सुनहरे अमलतास के पेड़ों से घिरा यह परिसर आंखों को तो सुकून देता ही है दिल को भी भाता है।
जिग जैग आकार आकर्षण का केंद्र
वर्ष 1980 में महेंद्र राज के इंजीनियरिंग कौशल के साथ आर्किटेक्ट कुलदीप सिंह द्वारा इसका डिजाइन तैयार किया गया था। नौ मंजिला इस इमारत की संरचना को देखकर ऐसा लगता है वास्तु का इससे खूबसूरत उपयोग और क्या हो सकता है। कंक्रीट से बने दो ऑफिसर्स विंग जैग तरीके से बिल्डिंग की उपरी हिस्से तक पहुंचते हैं, जबकि एक सेंट्रल कॉरिडोर इन दोनों विंग के बीच सेतु के रूप में है। इमारत का आकार और संरचनात्मक रूप मजबूती के साथ लोगों के समक्ष अपनी एक छवि बनाता है। वास्तुकार कुलदीप सिंह भी मानते हैं कि इमारत का वास्तु दक्षिण भारतीय मंदिरों के आर्किटेक्ट के बेहद करीब है।
स्लोप से खूबसूरती में निखारशटर फिनिश कंक्रीट इमारत को ज्यामितीय पैटर्न लुक देता है। तकनीक, यांत्रिक और औद्योगिक के बजाय यह इमारत दस्तकारी की एक अभिव्यक्ति है। वास्तुकार कुलदीप कहते हैं एक समय था जब श्रम सस्ता था और लकड़ी भी आसानी से उपलब्ध थी। इसे बनाते समय लागत कम करना भी जरूरी था। इसलिए कंक्रीट से ही फिनिशिंग दी गई। जिग जैग कॉलम को केबल द्वारा जोड़कर भवन को स्थिर किया गया है, जबकि कॉलम मुक्त कार्यालय को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के आधार पर आकार दिया गया है। इमारत का हर हिस्सा आपस में जुड़ा हुआ है। अगर इसे नजरअंदाज कर दिया होता तो यह संरचना संभव नहीं होती। इसे डिजाइन करते समय हमने इस बात का भी ध्यान रखा कि इसका हर कमरा हवादार हो। एसी न भी लगे तो गर्मी का एहसास न हो। इमारत पूर्व और पश्चिम दिशा की ओर उन्मुख है। हालांकि एक मोटी परत सामने की तरफ स्थित है, जो इमारत को गर्मियों में भी ठंडा रखती है। प्रत्येक कमरों की बालकनी के हिस्से पर स्लोप होने से भी इमारत के रूप में निखार आता है।
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