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Delhi News: एलजी के नाम पर बहन की नौकरी की सिफारिश, GGSI यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज

Delhi GGSI University विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में एक विशेष उम्मीदवार की नियुक्ति की सिफारिश करने के लिए 30 सितंबर को जीजीएसआईयू के कुलपति महेश वर्मा को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा एलजी के नाम पर काल किया गया।

By AgencyEdited By: Pradeep Kumar ChauhanUpdated: Fri, 14 Oct 2022 07:19 PM (IST)
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Delhi GGSI University: प्रारंभिक जांच में विश्वविद्यालय ने मामले में कुछ अन्य अधिकारियों की भी संलिप्तता पाई गई।

नई दिल्ली, एजेंसी। Delhi GGSI University: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के नाम के रूप में बहन की नौकरी की सिफारिश करना एक सहायक प्रोफेसर को महंगा पड़ गया। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के एक सहायक प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एलजी सचिवालय ने शुक्रवार को जानकारी साझा करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में एक विशेष उम्मीदवार की नियुक्ति की सिफारिश करने के लिए 30 सितंबर को जीजीएसआईयू के कुलपति महेश वर्मा को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा एलजी के नाम पर काल किया गया।

अंग्रेजी विभाग में अपनी बहन की नियुक्ति की सिफारिश

इसकी सत्यता का पता लगाने के लिए वीसी ने एलजी सचिवालय से संपर्क किया। उन्होंने पाया कि ऐसी कोई कॉल नहीं की गई जिसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। इसमें कहा गया है कि द्वारका पुलिस स्टेशन में दो अक्टूबर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया था। बयान में कहा गया है, “जांच के दौरान, आरोपी की पहचान अर्थशास्त्र विभाग में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में हुई, जिसने विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में अपनी बहन की नियुक्ति के लिए एलजी के रूप में फोन किया था।”

सीडीआर की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस

इसमें कहा गया है कि कुलपति के लैंडलाइन नंबर के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) से पता चला कि कॉल यूनाइटेड किंगडम के एक नंबर से की गई थी। जांच में सामने आया है कि यूके नंबर का इस्तेमाल सहायक प्रोफेसर की बहन और पिता के मोबाइल नंबरों पर कॉल करने के लिए भी किया गया था। आरोपी 27 सितंबर को यूके गया था।

आरोपित को कारण बताओ नोटिस भी जारी

उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) शुरू कर दिया गया है और जांच जारी है। प्रारंभिक जांच में विश्वविद्यालय ने मामले में कुछ अन्य अधिकारियों की भी संलिप्तता पाई और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह भी पाया गया है कि आरोपी सक्षम प्राधिकारी की अनिवार्य पूर्व अनुमति के बिना ब्रिटेन में है और विश्वविद्यालय द्वारा उसे कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।

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