JNU में अगले सेमेस्टर के रजिस्ट्रेशन अटके, प्रदर्शन में शामिल होने पर 70 से ज्यादा छात्रों पर लगा है जुर्माना
जेएनयू के एक अधिकारी ने कहा कि सामूहिक तौर पर जुर्माना हटाने की प्रक्रिया संभव नहीं है। छात्रों को व्यक्तिगत माफीनामा लिखकर देना होगा। उसके बाद ही जुर्माना हटाया जा सकेगा। जेएनयू के रेक्टर प्रो. ब्रजेश पांडेय ने कहा कि जुर्माने हटाने को लेकर कुलपति से उनकी चर्चा नहीं हुई है। चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लिया जा सकेगा।
उदय जगताप, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अलग-अलग मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर जुर्माना लगाया गया है। कई छात्रों ने जुर्माने की राशि देने से इनकार किया है। इसके बाद से अगले सेमेस्टर में पंजीकरण की प्रक्रिया अटक गई है।
उनके करियर पर भी संकट मंडराने लगा है। छात्र संघ का कहना है कि जेएनयू प्रशासन ने जुर्माना हटाने का आश्वासन दिया है। हालांकि, जेएनयू प्रशासन ने इस पर निर्णय नहीं लिया है। उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में छात्र जुर्माने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें कोई आश्वासन भी नहीं दिया गया है।
प्रदर्शन को लेकर कड़े किए नियम
जेएनयू प्रशासन की ओर से पिछले दिनों नया प्राक्टोरियल मैन्युअल लाया था। इसके बाद प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए नियम कड़े कर दिए गए थे। मार्च महीने में छात्रों ने छेड़छाड़ की घटना के बाद परिसर के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया था।
छात्रावास में पानी की मांग को लेकर जेएनयू कुलपति के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था। इसके बाद छात्रों पर जुर्माना लगाया गया था। इसमें करीब 42 छात्रों पर जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा एबीवीपी के नेतृत्व में प्राक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन और अन्य मामलों में 20 से अधिक छात्रों पर जुर्माना लगाया गया है।
एबीवीपी के एक पदाधिकारी ने कहा, दूसरे सेमेस्टर में जाने के लिए पंजीकरण जरूरी होता है। इसके लिए पुस्तकालय, प्रयोगशाला और विभाग से छात्र को अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होता है। इसको जमा करने के बाद पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होती है। अगर छात्र पर प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जुर्माना है तो उसको प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा और वह पंजीकरण कराने के लिए पात्र नहीं रहता।
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