Republic Day Parade: कर्तव्य पथ पर भगवान रामलला, बाइक पर महिलाओं का करतब; फुल ड्रेस रिहर्सल की देखें मनमोहक तस्वीरें
Republic Day Parade इस बार यूपी की झांकी में भगवान रामलला के बाल स्वरूप को शामिल किया गया है। इसके अलावा कर्तव्य पथ पर परेड रिहर्सल के दौरान पहली आर्मी डॉक्टर के साथ आर्मी हेल्थ वर्कर भी शामिल रहीं। वहीं दिल्ली पुलिस की महिला जवान भी पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा होंगी। पहली बार एक साथ 1500 महिलाओं ने लोकनृत्य की प्रस्तुति दी है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 26 जनवरी को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। मंगलवार को कर्तव्य पथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश की झांकी रिहर्सल के आकर्षण का केंद बिंदु रही।
इसके अलावा कर्तव्य पथ पर परेड रिहर्सल के दौरान पहली आर्मी डॉक्टर के साथ आर्मी हेल्थ वर्कर भी शामिल रहीं। वहीं, दिल्ली पुलिस की महिला जवान भी पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा होंगी।
मंगलवार को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान पहली बार एक साथ 1500 महिलाओं ने लोकनृत्य की प्रस्तुति दी है।
बता दें कि इस बार यूपी की झांकी में भगवान रामलला के बाल स्वरूप को शामिल किया गया है। झांकी में अगली तस्वीर दुनिया के चौथे सबसे बड़े इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नोएडा एयरपोर्ट की है। ट्रैक्टर पर साधुओं के बाद रैपिड रेल का माडल है। इसके पीछे ब्रह्मोस मिसाइल को दिखाया गया है।
झांकी के पीछे एलईडी स्क्रीन पर एक्सप्रेसवे के माध्यम से छह संचालित जबकि सात निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे को दर्शाया गया है। झांकी में कलश के साथ दो साधुओं को दिखाया जाएगा, जो प्रयागराज में होने वाले माघ मेले एवं 2025 में होने वाले महाकुंभ का प्रतीक हैं।
अगर बात करें हरियाणा राज्य की तो, हरियाणा की झांकी में परिवार पहचानपत्र की खूबियां प्रदर्शित की जाएंगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मध्य प्रदेश की झांकी आत्मनिर्भर भारत और प्रगतिशील नारी शक्ति पर केंद्रित होगी। विदेश मंत्रालय की झांकी में जी-20 की झलक होगी।
इसरो की झांकी में चंद्रयान-3 यानी भारतीय अंतरिक्ष के इतिहास में एक आख्यान की कहानी बयां करेगी। मध्य प्रदेश की झांकी आत्मनिर्भर भारत और प्रगतिशील नारी शक्ति पर केंद्रित होगी। छत्तीसगढ़ की झांकी जनजातीय समाज में आदिकाल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाएगी। जो आज आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवित और प्रचलित है। यह झांकी देश में लोकतंत्र के जन्म और उसके विकास की कहानी प्रमाण सहित प्रस्तुत करेगी। झारखंड की झांकी में टसर सिल्क की समृद्ध विरासत देखने को मिलेगी। रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी मनोज रूड़कीवाल ने बताया कि सभी झांकियों का चयन विशेषज्ञ समिति ने किया है। इस बार पंजाब, दिल्ली और बंगाल की झांकी परेड का हिस्सा नहीं है। 26 जनवरी को परेड का कुल समय 90 मिनट का होगा, जिसमें इन झांकियों को 26 मिनट का समय दिया गया है। परेड सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होगी।