'आवाहन' संगीत यात्रा से हुआ गणतंत्र दिवस परेड का आगाज, नारी-विकास का मूल मंत्र पर केंद्रित रही मप्र की झांकी
नारी शक्ति की प्रतीक इन कलाकारों में से 20 के हाथ में महाराष्ट्र के ढोल और ताशा थे तो 16 कलाकार तेलंगाना का डप्पू बजा रही थीं। 16 कलाकार बंगाल के ढाक और ढोल पर ताल दे रही थीं। यह पहला मौका था जब विभिन्न संगीत वाद्य यंत्रों की उत्कृष्ट शुभ मंगल ध्वनियों से सृजित आवाहन संगीत यात्रा से गणतंत्र दिवस परेड का आगाज हुआ।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पहली बार देश के विभिन्न संगीत वाद्य यंत्रों की उत्कृष्ट शुभ मंगल ध्वनियों से सृजित आवाहन संगीत यात्रा से गणतंत्र दिवस परेड का आगाज हुआ। कर्तव्य पथ पर सबसे आगे विभिन्न प्रकार के लोक व जनजातीय संगीत वाद्यों का वादन करते हुए ऐतिहासिक रूप से 112 महिला कलाकार गुजरीं।
बंगाल की कलाकारों ने बजाया शंख
नारी शक्ति की प्रतीक इन कलाकारों में से 20 के हाथ में महाराष्ट्र के ढोल और ताशा थे तो 16 कलाकार तेलंगाना का डप्पू बजा रही थीं। 16 कलाकार बंगाल के ढाक और ढोल पर ताल दे रही थीं। बंगाल की आठ कलाकारों ने शंख ध्वनि से कर्तव्यपथ को गुंजायमान किया। मध्य प्रदेश की झांकी आत्मनिर्भर नारी-विकास का मूल मंत्र पर केंद्रित रही, जिसमें खेत खलिहान से लेकर विमान उड़ाने तक में प्रदेश की नारी की प्रगति को शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया।
अग्रभाग में लड़ाकू विमान के साथ गर्व से खड़ी वायुसेना की पहली महिला फाइटर अवनी चतुर्वेदी की मूर्ति सभी को गर्व की अनुभूति कराने वाली थी। मटके पर चित्रकारी करती महिला कलाकार, बाग प्रिंट साडि़यों को बुनती महिलाओं के साथ ही मिलेट मिशन की अंबेसडर लहरी बाई की प्रतिकृति भी मोहित कर रही थी। बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र प्राचीन काल से है। वहां की झांकी में बस्तर की जनसंसद मुरिया दरबार को दर्शाया गया था, जो 600 वर्षों से अधिक पुरानी परंपरा है।
विदेश मंत्रालय की झांकी में G20 की सफलता का जश्न
झांकी को बेल मेटल और टेराकोटा कलाकृतियों से सजाया गया था। बेल मेटल से निर्मित नंदी आत्मविश्वास और सांस्कृतिक सौंदर्य की परिचायक थी। महाराष्ट्र की झांकी छत्रपति शिवाजी महाराज के 350वें राज्याभिषेक वर्ष समारोह पर आधारित था। झांकी के मध्य में अष्टप्रधान मंडल दरबार का चित्रण किया गया था। विदेश मंत्रालय ने मनाया जी-20 की सफलता का जश्न विदेश मंत्रालय ने अपनी झांकी में जी-20 की सफलता का जश्न मनाया। उसकी झांकी में महत्वाकांक्षी, निर्णायक, समावेशी और कार्रवाई-उन्मुख तरीके से वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने में देश के सफल नेतृत्व को दर्शाया गया था।
राज्य मंत्रालय व झांकी की थीम
तेलंगाना: जमीनी स्तर पर जनतंत्र: तेलंगाना की स्वतंत्रता के आंदोलन के योद्धा और उनकी परंपराआंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश में स्कूली शिक्षा में बदलाव: छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनानालद्दाख: विकसित भारत: लद्दाख की यात्रा में रोजगार के माध्यम से महिला सशक्तीकरणतमिलनाडु : प्राचीन तमिलनाडु में कुदावोलाई प्रणाली- लोकतंत्र की मातृका
गुजरात : धोरडो गुजरात के सीमा पर्यटन की वैश्विक पहचानअरुणाचल प्रदेश : बुगुन सामुदायिक रिजर्व -विकसित भारतमणिपुर : थंबल गी लांग्ला-लोटस थ्रेड्सओडिसा : विकसित भारत में महिला सशक्तीकरणराजस्थान : विकसित भारत में-पधारो म्हारे देशमेघालय : मेघालय में उन्नतिशील पर्यटनइसरो की झांकी में चंद्रयान की सफलता के साथ आदित्य एल-1 की आभा थी। सीपीडब्ल्यूडी की झांकी में नई संसद के साथ ही इंडिया गेट पर लगाई गई सुभाष चंद बोस की प्रतिमा को दर्शाया गया है।
इलेक्ट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय : सामाजिक सशक्तीकरण के लिए जिम्मेदार आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस आइटीबीपी : वाईब्रेंट विलेज
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