प्लाट दिलाने के नाम पर सेना के कर्मियों से ठगी में सेवानिवृत लेफ्टिनेंट कर्नल गिरफ्तार
सेना के कर्मियों को झारखंड के बोकारो सहित देश भर के अलग-अलग प्रोजेक्ट में कम दर पर प्लाट दिलाने का झांसा दिया था। आरोपित करीब 28 लोगों से 88 लाख रुपये की ठगी कर चुका है। आरोपित को बहादुरी के लिए कीर्ति चक्र मिल चुका है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Wed, 07 Oct 2020 09:59 PM (IST)
नई दिल्ली, संतोष शर्मा। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने प्लाट दिलाने के नाम पर सेना के कर्मियों से ठगी में सेवानिवृत लेफ्टिनेंट कर्नल गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान द्वारका निवासी राकेश राणा (55) के रूप में हुई है। उसने सेना के कर्मियों को झारखंड के बोकारो सहित देश भर के अलग-अलग प्रोजेक्ट में कम दर पर प्लाट दिलाने का झांसा दिया था। आरोपित करीब 28 लोगों से 88 लाख रुपये की ठगी कर चुका है। आरोपित को बहादुरी के लिए कीर्ति चक्र मिल चुका है।
दिल्ली और भुवनेश्वर में दर्ज हैं ठगी के मामलेउस पर दिल्ली और भुवनेश्वर में ठगी के दो मुकदमें दर्ज हैं। भुवनेश्वर पुलिस उसे पहले गिरफ्तार भी कर चुकी है। ईओडब्ल्यू के ज्वाइंट कमिश्नर डॉ. ओपी सिंह ने बताया कि ठगी के संबंध में वर्ष 2018 में मुकदमा दर्ज किया गया था। सेना के हवलदार शिकायतकर्ता चंदन कुमार व पीड़ित उनके साथियों ने राकेश राणा पर सस्ते दर पर प्लाट के नाम पर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
कंपनी बना कर की धोखाधड़ीपीड़ितों ने बताया था कि आरोपित ने सेना के कर्मियों के वेलफेयर के नाम पर एसडब्ल्यूओ इंडिया नाम की एक गैर सरकारी संस्था और एसडब्ल्यूओ इंडिया लिमिटेड के नाम से कंपनी बना रखी थी। उसने लोगों को झारखंड के बोकारो स्थित वीर आवास व अन्य शहरों की अलग-अलग परियोजनाओ में सस्ते दर पर प्लाट दिलाने का दावा किया था। उसके झांसे में आ कर लोगों ने करीब 88 लाख रुपये कंपनी के खाते में जमा करवा दिए थे।
इसी बीच पता चला कि कंपनी ने कहीं भी कोई जमीन नहीं ले रखी है। जबकि बोकारो में 20 एकड़ भूमि खरीददने का दावा किया गया था।ना ही मिला प्लॉट ना मिले पैसे लिहाजा पीड़ितों को ना तो प्लॉट मिला और ना ही पैसे वापस किए गए। इसके बाद में पुलिस ने तफ्तीश में पाया कि आरोपित प्लॉट के नाम पर ठगी के एक अन्य मामले में भुवनेश्वर के कटक जेल में बंद है। वह छह दिन पहले ही जमानत पर छुट कर दिल्ली आया था। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस की टीम ने छह अक्टूबर को द्वारका स्थित वीर आवास से आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
कीर्ति चक्र से सम्मानित हो चुका है आरोपित पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित राकेश राना वर्ष 1982 में एनडीए के माध्यम से सेना में भर्ती हुआ था। वर्ष 1991 में पंजाब में एक बड़े आतंकी को मारने पर उसे कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। बाद में वर्ष 2007 में उसने सेना से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और ठगी करने लगा था। आरोपित रक्त कैंसर का मरीज भी है।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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