Move to Jagran APP

रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्मः पीड़िता दोबारा अस्पताल में भर्ती, जानें- क्या था पूरा घटनाक्रम

छात्रा संग सामूहिक दुष्कर्म की ये जघन्य वारदात 12 सितंबर को हुई थी। कोचिंग से लौटते वक्त छात्रा का अपहरण किया गया था। उस कमरे में आरोपियों ने पहले भी कई सामूहिक दुष्कर्म किए हैं।

By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 11:22 AM (IST)
Hero Image
रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्मः पीड़िता दोबारा अस्पताल में भर्ती, जानें- क्या था पूरा घटनाक्रम
नई दिल्ली/रेवाड़ी (जेएनएन)। देश को झकझोर देने वाले रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म मामले में पीड़ित छात्रा काफी दहशत में है। वह इतनी डरी हुई है कि बृहस्पतिवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद महज 12 घंटे के अंदर उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बृहस्पतिवार को छात्रा को मजिस्ट्रेट के सामने दोबारा धारा 164 के बयान दर्ज कराने थे। छात्रा की तबितय बिगड़ने की वजह से उसके बयान भी दर्ज नहीं किए जा सके हैं।

इस दर्दनाक हादसे के बाद छात्रा का करीब दो सप्ताह तक रेवाड़ी के अस्पताल में इलाज चला था। अस्पताल में डॉक्टरों का पैनल बनाकर छात्रा का इलाज किया गया। इस दौरान उसकी लगातार काउंसलिंग भी की जा रही थी, ताकि घर जाकर वह सामान्य जिंदगी जी सके। बृहस्पतिवार को अस्पताल के चार डॉक्टरों के पैनल ने पूरी जांच-पड़ताल के बाद छात्रा को छुट्टी दी थी। अस्पताल में इलाज के दौरान और वहां से घर आते वक्त छात्रा को पुलिस की तरफ से कड़ी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। साथ ही छात्रा के घर पर भी पुलिस का कड़ा पहरा लगाया गया है।

छात्रा की हालत देख कईयों की आंखों भर आईं

बृहस्पतिवार को छात्रा के घर पहुंचने के बाद उसे कनीना मजिस्ट्रेट के समक्ष पुनः बयान दर्ज कराना था। बयान दर्ज कराने के लिए उसे कनीना थाने बुलाया गया था। पुलिस अपनी गाड़ी से कड़े पहरे में छात्रा को बयान दर्ज कराने के लिए कनीना थाने लेकर पहुंची थी। थाने पहुंचते ही दहशत की वजह से छात्रा की तबियत बिगड़ गई। वह डर की वजह से कांप रही थी। उसकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। पुलिस की गाड़ी से उतरकर वह ठीक से चल तक नहीं पा रही थी। पीड़िता की मां उसे सहारा दे रही थी। बावूजद वह लड़खड़ा रही थी। छात्रा की इस दयनीय हालत को देख उसके माता-पिता समेत थाने में मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आईं।

थाने से सीधे अस्पताल ले जाया गया

छात्रा की हालत बिगड़ने पर थाने में फिर से उसकी काउंसलिंग की गई। इस दौरान पुलिस ने उसे सही जांच, पुख्ता सुरक्षा और आरोपियों को कड़ी सजा तक का आश्वासन दिलाया। बावजूद छात्रा सामान्य स्थिति में वापस नहीं आ सकी। करीब एक घंटे तक थाने में रुकने के बाद छात्रा की तबियत इतनी बिगड़ी गई कि वहां से उसे सीधे रेवाड़ी अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में उसे फिर से भर्ती कर लिया गया है।

गहरे सदमे में है छात्रा

अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार इस विभत्स घटना की वजह से छात्रा गहरे सदमे में है। वह बार-बार उस घटनाक्रम को याद कर सिहर उठती है। छात्रा को इस स्थिति से निकलने में काफी वक्त लग सकता है। छात्रा का इलाज चल रहा है। साथ ही उसकी काउंसलिंग भी की जा रही है, ताकि उसे जल्द सामान्य जिंदगी में वापस लाया जा सके।

गिरफ्तार हो चुके हैं 8 आरोपी, तीन को मिली जमानत

रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस अब तक कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें तीन मुख्य आरोपी पंकज फौजी, मनीष व निशु हैं, जिन्होंने छात्रा को बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके अलावा एक डॉ. संजीव है, जिसने सामूहिक दुष्कर्म के बाद छात्रा की तबितय बिगड़ने पर उसका प्राथमिक इलाजा किया था। बावजूद उसने पुलिस को सूचना नहीं दी थी। पांचवां आरोपी ट्यूबवेल का मालिक दीन दयाल है, जिसके कमरे पर सामूहिक दुष्कर्म की इस वारदात को अंजाम दिया गया था। खेत में बने इसके ट्यूबवेल वाले कमरे में इससे पहले भी तीनों आरोपी कई युवतियों और महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म कर चुके हैं। दीन दयाल को इन सभी मामलों की जानकारी थी। इसके अलावा तीन अन्य आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, जिन्हें इस वारदात का और फरारी के दौरान आरोपियों के ठिकानों का पता था।

कोचिंग से लौटते वक्त हुई थी वारदात

छात्रा संग सामूहिक दुष्कर्म की ये जघन्य वारदात 12 सितंबर को हुई थी। उस दिन छात्रा कोचिंग पढ़कर लौट रही थी। कोचिंग से लौटते वक्त रास्ते में पंकज फौजी, मनीष और निशु ने छात्रा का अपहरण कर लिया गया था। पंकज फौजी पहले से छात्रा और उसके परिवार को जानता था। छात्रा के पिता की मदद से ही वह सेना में भर्ती हुआ था।

तीनों आरोपी छात्रा का अपहरण कर उसे एक सूनसान खेत में ट्यूबवेल के पास बने कमरे में ले गए। वहां आरोपियों ने पहले छात्रा को नशीला पदार्थ खिलाया। इसके बाद बेरहमी से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इस दौरान आरोपियों ने छात्रा पर इतना जुल्म किया कि उस सूनसान कमरे में ही उसकी हालत बिगड़ गई थी। इसके बाद आरोपियों ने डॉ. संजीव को कमरे पर बुलाकर छात्रा का प्राथमिक उपचार कराया था। प्राथमिक उपचार के बाद आरोपियों ने छात्रा को छोड़ दिया था।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।