बिहार दुष्कर्म कांड: जंतर-मंतर पर धरने में एकसाथ नजर आएंगे तेजस्वी-केजरीवाल
बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव के धरना में विपक्ष के कई नेता शामिल हो सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी इस धरने में शामिल होंगे।
By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 03 Aug 2018 02:49 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर शुरू हुई राजनीति अब दिल्ली पहुंच चुकी है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कद्दावर नेता तेजस्वी यादव शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देंगे। बताया जा रहा है कि इस धरने में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शिरकत कर सकते हैं। इससे पहले तेजस्वी यादव धरने को गैर राजनीतिक करार देते हुए सभी लोगों से इसमें शामिल होने की अपील कर चुके हैं।
तेजस्वी ने ट्वीट कर भी इस धरने की जानकारी दी है। अपने ट्वीट में तेजस्वी ने कहा- 'मुजफ्फरपुर में प्रायोजित और नीतीश सरकार द्वारा संरक्षित जघन्य संस्थागत जन बलात्कार के खिलाफ हम शनिवार को जंतरमंतर पर धरना करेंगे।' तेजस्वी ने कहा कि वह मंच से इन जघन्य अपराध पर जवाब मांगेंगे।तेजस्वी के मुताबिक, मुजफ्परपुर कांड की वजह से पूरा देश शर्मसार हुआ है। तेजस्वी ने कहा कि दिल्ली में धरना आयोजित कर पीड़ित लड़कियों के लिए न्याय की मांग करेंगे, साथ ही देश की जनता से पीड़ितों के लिए न्याय के पक्ष में खड़ा होने की मांग करेंगे।
दिल्ली के अलावा अन्य शहरों में भी होगा धरनातेजस्वी शुक्रवार को दिल्ली के लिए रवाना होंगे। दिल्ली के बाद अन्य शहरों में भी आंदोलन की तैयारी है। राजद इस मामले के बारे में पूरे देश को बताना चाहता है। तेजस्वी ने बिहार में साइकिल यात्रा भी निकाली थी। नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि मुजफ्फरपुर कांड के ब्रजेश ठाकुर पर राज्य सरकार के कई मंत्री एवं अधिकारी मेहरबान रहे हैं।
ब्रजेश मंजू वर्मा और सुरेश शर्मा को बचाने की कोशिश कर रही सरकारतेजस्वी के मुताबिक ब्रजेश समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के साथ-साथ नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा का भी करीबी है। राज्य सरकार दोनों मंत्रियों को बचाने की कोशिश कर रही है। तेजस्वी ने कहा कि राज्य में खराब विधि-व्यवस्था पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देना पड़ेगा। तेजस्वी ने ब्रजेश ठाकुर के साथ लालू प्रसाद की वायरल हो रही तस्वीर पर भी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि जिस तस्वीर को लेकर सत्ता पक्ष के प्रवक्ता हाय-तौबा मचा रहे हैं, वह 1990 की है। उस समय ब्रजेश रिपोर्टर था और उसके पास कोई एनजीओ नहीं था। तेजस्वी ने कहा कि सीबीआइ को जांच सौंपने में जानबूझकर देरी की गई ताकि सबूतों को नष्ट किया जा सके। राज्य सरकार की कोशिश इस घटना से जनता का ध्यान भटकाने पर भी है।
तेजस्वी के साथ नजर आएंगे अखिलेश समेत कई बड़े नेतातेजस्वी यादव ने इस धरने में शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, एसपी प्रमुख अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सहित तमाम विपक्षी नेताओं सहित सिविल सोसायटी के तमाम प्रतिनिधियों से आग्रह किया है। बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव के धरना में विपक्ष के कई नेता शामिल हो सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी इस धरने में शामिल होंगे। वहीं, कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं के भी इस धरने में शामिल होने की संभावना है।
बालिका गृह दुष्कर्म कांड पर केंद्र और बिहार को नोटिस वहीं, बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह दुष्कर्म कांड में स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार व केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अगली सुनवाई सात अगस्त को तय की है। इसके साथ ही कोर्ट ने घटना की रिपोर्टिंग पर मीडिया को संयम बरतने को कहा है। कोर्ट ने इलेक्ट्रानिक मीडिया में इंटरव्यू पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पीड़िता के दर्द को बार-बार ताजा नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने मीडिया को पीड़ितों का इंटरव्यू लेने और यहां तक धुंधली फोटो भी दिखाने से मना किया है।
सीबीआइ कर ही मामले की जांचमुजफ्फरपुर में बालिका गृह में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटना का रहस्योद्घाटन टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंस मुंबई की आडिट रिपोर्ट से हुआ। जिसे इंस्टीट्यूट ने राज्य समाज कल्याण विभाग को दिया था। इस बालिका गृह को बृजेश ठाकुर का एनजीओ चला रहा था। एनजीओ को सरकार से आर्थिक मदद मिलती थी। इन मामले में गत मई में बृजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी। बिहार सरकार ने फिलहाल मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी है और सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी है।
घटना परेशान करने वालीये आदेश न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने घटना के बारे में पटना से आए एक पत्र पर स्वयं संज्ञान लेते हुए दिये।
न्यायमित्र की होगी नियुक्तिकोर्ट ने वकील अपर्णा भट्ट को सुनवाई में कोर्ट की मदद करने के लिए न्यायमित्र नियुक्त करते हुए मामले को सात अगस्त को फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।
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