ये दिल्ली है मेरे यार! सड़कें कम गढ्ढे ज्यादा, पांच मिनट का सफर 20 में होता पूरा
दिल्ली वैसे तो देश की राजधानी कही जाती है लेकिन यहां की सड़कों का जो हाल इस मानसून में हुआ है। वैसा बुरा हाल शायद कभी नहीं हुआ होगा। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या अधिकारियों की लापरवाही को मुख्य कारण मान सकते हैं? बता दें लोक निर्माण विभाग के पास दिल्ली में 1260 किलोमीटर सड़कें हैं।
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों का इस मानसून में जितना बुरा हाल हो गया है, शायद ही कभी हुआ होगा। सड़कों पर खतरनाक गड्डे हो गए हैं। कई जगह तो सड़कों पर ऊपर की लेयर ही गायब है। इसलिए दिल्ली में सड़कों से गुजर रहे हैं तो संभल कर चलें।
खासकर दोपहिया वाहन चालकों के लिए सलाह है कि कहीं ऐसा न हो कि आप का वाहन अचानक गड्ढों में जाए और आप दुर्घटनाग्रस्त हो जाएं। यह खराब हालत कुछ मानसून के कारण तो कुछ अधिकारियों की लापरवाही से हुई है। छोटी सड़कों का ही नहीं मुख्य मार्गों का भी बुरा हाल है।
लोक निर्माण विभाग के पास 1260 किलोमीटर सड़कें
बारापुला, रानी झांसी फ्लाईओवर सहित कई अन्य फ्लाईओवरों पर भी हैं गड्ढे। सड़कों पर चल रहीं परियोजना स्थलों के आसपास भी बुरा हाल है। मगर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कागजी खानापूर्ति में लगे हैं। उनके हिसाब से कार्रवाई पूरी है और काम भी हो रही है मगर समस्या बिकराल होती जा रही है।लोक निर्माण विभाग के पास दिल्ली में 1260 किलोमीटर सड़कें हैं। सही मायनों में यही दिल्ली की मुख्य सड़कें हैं अगर नई दिल्ली नगरपालिका और दिल्ली कैंट इलाके को छोड़ दिया जाए तो अन्य सभी सड़कें इसी विभाग के पास हैं। सड़कों पर गड्ढों से लोगों के वाहन खराब हो रहे हैं, वहीं सड़कों पर जाम भी लग रहा है।
पुलिस ने टूटी सड़क से लोगों को बचाने के लिए लगाए बैरीकेड्स
टूटी सड़कों से लोगों को बचाने के लिए यातायात पुलिस भी लगातार लोगों को जागरुक कर रही है। सड़कों पर गड्ढों के बारे में बता रही है। कई जगह पुलिस ने टूटी सड़क से लोगों को बचाने के लिए अपने बैरीकेड्स तक लगाए हुए हैं।स्थिति पर गौर करें तो रानी झांसी फ्लाईओवर पर अगर करोल बाग की ओर से चढेंगे तो चढ़ने से पहले ही आप को जाम में फंसना पड़ेगा, क्योंकि उसी स्थान पर करीब 20 मीटर में गहरे गड्ढे हैं।अगर जाम नहीं है तो अचानक तेज रफ्तार में वाहन के पहुंचने पर खास कर दो पहिया के दुर्घटना का पूरा खतरा है। क्योंकि इससे पहले सड़क की स्थिति अच्छी है।
इसी तरह बारापुला एलीवेटेड कारिडोर पर सराय काले खां की ओर से चढ़कर जब आईएनए के पास उतरते हैं तो उससे कुछ पहले काफी गड्ढे हैं, यहां पहुंचकर वाहनों के एकाएक ब्रेक लगते हैं। इतना ही नहीं निर्माण स्थलों के आसपास यह हाल है कि पांच मिनट का रास्ता वाहन चालक 15 मिनट में पूरा कर पाते हैं। लोक निर्माण विभााग का इस ओर बार बार ध्यान दिलाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
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