Delhi: झूठी शान के लिए बहन समेत तीन की हत्या, 13 साल बाद दोषियों को मिली उम्रकैद
दिल्ली में 2013 में झूठी शान के लिए बहन समेत तीन की हत्या करने वालों को रोहिणी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हत्याकांड में शामिल चौथे व्यक्ति को सात साल की कैद मिली। इस हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाने वाले अंकित चौधरी की बहन और उसके पति की जान चली गई थी और दो दिन बाद शोभा का शव भी मिला था।
By dharmendra yadavEdited By: Sonu SumanUpdated: Wed, 20 Dec 2023 08:17 AM (IST)
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। झूठी शान के लिए बहन समेत तीन की हत्या करने वालों को रोहिणी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हत्याकांड में शामिल चौथे व्यक्ति को कोर्ट ने सात साल की कैद की सजा दी है। इस सनसनीखेज तिहरे हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाने वाले अंकित चौधरी की बहन और उसके पति की जान चली गई थी और दो दिन बाद मनदीप नागर की बहन शोभा का शव एक कार में मिला था। कोर्ट ने इस मामले को मौत की सजा के लिए उपयुक्त नहीं माना। कोर्ट का यह फैसला हत्याकांड के करीब साढ़े 13 साल बाद आया है।
मंगलवार को रोहिणी के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बबरूभान ने हत्या (धारा 302) और षड्यंत्र (120-बी) के तहत अंकित चौधरी, मनदीप नागर और नकुल खारी को उम्रकैद की सजा और 20-20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। अंकित चौधरी को शस्त्र अधिनियम की धारा 25/27 में पांच साल की सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना, मनदीप नागर को शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत पांच साल की कैद व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने चौथे अभियुक्त गौतमबुद्ध नगर के दुजाना गांव निवासी राकेश नागर उर्फ सींटू को धारा 216 (मदद देने) के तहत सात साल की कैद व एक हजार रुपये जुर्माना किया है।
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राकेश नागर, अंकित चौधरी के रिश्तेदार में भाई लगते हैं। अंकित चौधरी, मनदीप नागर और नकुल खारी तीनों दोस्त हैं।हत्याकांड के समय चारों की उम्र 18 से 20 वर्ष के बीच थी। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने गत सितंबर महीने के अंतिम सप्ताह में चारों को दोषी करार दिया था।करीब साढ़े 13 साल चले ट्रायल के बाद मंगलवार को कोर्ट ने अपना फैसला दिया।
मौत की सजा को नहीं माना उपयुक्त
झूठी शान के लिए तीन हत्या के इस चर्चित मामले में अभियोजक पक्ष ने इस मामले को रेयररेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए कोर्ट से हत्यारों को मौत की सजा दिए जाने की मांग रखी, लेकिन कोर्ट ने इसे उपयुक्त नहीं माना। कोर्ट ने अभियुक्तों की उम्र, न्यायिक हिरासत की अवधि और अभियुक्तों की आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए अभियोजक पक्ष की मौत की सजा की दलील को नहीं माना।जून 2010 में हुआ था तिहरा हत्याकांड
वर्ष 2006 में वजीरपुर की युवती मोनिका ने परिवार की मर्जी के खिलाफ अन्य जाति के युवक कुलदीप से प्रेम विवाह कर लिया था। इसके बाद दोनों उत्तम नगर में रहने लगे। करीब चार साल उत्तम नगर में रहने के बाद मोनिका व कुलदीप वजीरपुर गांव से सटे अशोक विहार फेज-एक में रहने लगे।बहन के प्रेम विवाह करने के फैसले से नाराज अंकित चौधरी को यह बात नागवार गुजरी। 20 जून 2010 को मोनिका और कुलदीप की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
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