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'आइए शाम को फांसी पर लटक जाते हैं...', आरोप तय होने के बाद मीडिया के सवाल पर बोले बृजभूषण शरण सिंह

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में आज भाजपा सांसद और पूर्व कुश्ती प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय किए। भाजपा सांसद को आज दोपहर राउज एवेन्यू कोर्ट में लाया गया था। इस दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने कहा मैं दोषी नहीं हूं मुकदमे का सामना करूंगा। जब मैंने कोई गलती ही नहीं की तो मैं इसे स्वीकार क्यों करूंगा?

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 21 May 2024 03:35 PM (IST)
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'मैं दोषी नहीं, करूंगा मुकदमे का सामना...', बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप तय

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अदालत ने यौन उत्पीड़न, धमकी और महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए हैं।

राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत ने आरोप तय करते हुए बृजभूषण से पूछा कि क्या वह उन पर लगाए गए आरोपों को स्वीकार करते हैं?

बृजभूषण ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता है, जब कोई गलती की ही नहीं तो मानना कैसा। उन्होंने कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए एक जून की तारीख तय की है। बृजभूषण ने अदालत में विदेश यात्रा से जुड़े दस्तावेज और काल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की मांग करते हुए एक याचिका लगाई है।

बृजभूषण ने कहा- आइए शाम को लटक जाते हैं

कोर्ट से बाहर मीडिया ने जब उनकी पिछली टिप्पणी (जिसमें 11 मई को उन्होंने कहा था कि आरोप साबित होने पर फांसी पर लटक जाऊंगा) के बारे में पूछा गया, तो बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि शाम को आ जाइए, लटक जाते हैं। बृजभूषण ने कहा, "क्या आप मजाक कर रहे हैं?"

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लगाई गई ये धाराएं

अदालत में बृजभूषण के अधिवक्ता ने कहा कि उनका तर्क है कि विदेश में जिस होटल में खिलाड़ी ठहरे थे, वो खुद उस होटल में नहीं ठहरे थे। बृजभूषण की याचिका पर अदालत ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।

अदालत ने बृजभूषण के खिलाफ आइपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 354ए (यौन उत्पीड़न) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय किए हैं। एक पहलवान द्वारा लगाए गए आरोप से बृजभूषण को बरी कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ आइपीसी की धारा 354, 354 ए, 354डी (पीछा करना) और 506(1) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

हमारे पास सुबूत हैं

विनोद तोमर के खिलाफ आइपीसी की धारा 109 (उकसाने) भी लगाई गई थी। डब्ल्यूएफआइ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों से इन्कार किया। तोमर ने कहा-हमारे पास सुबूत हैं। अगर दिल्ली पुलिस सही से जांच करती तो सच सामने आ जाता। हमने कभी किसी को घर पर नहीं बुलाया, हमारे पास सुबूत है। जो सच है, वो सामने आएगा।

अदालत ने मामले में विनोद तोमर के खिलाफ धारा 506 के तहत आपराधिक धमकी का आरोप तय किया है। अदालत ने अन्य अपराधों के लिए उन्हें बरी कर दिया था।