अब यूपी विधान परिषद में गूंजा फर्जी एनकाउंटर का मामला, विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
सदस्यों की मांग पर विधान परिषद अध्यक्ष ने भी सीबीआइ जांच की संस्तुति की है।
नोएडा (जेएनएन)। दिल्ली से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हुए आधा दर्जन एनकाउंटर का मामला मंगलवार को यूपी विधानसभा भी गूंजा। इससे पहले एक जिम ट्रेनर जितेंद्र यादव के साथ कथित फर्जी एनकाउंटर का मामला उच्च सदन राज्यसभा में भी गूंज चुका है।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को समाजवादी पार्टी (SP) के विधान परिषद सदस्य नरेंद्र सिंह भाटी ने पूरे प्रदेश के साथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हो रहे एनकाउंटर का मुद्दा उठाया।
इतना ही नहीं सदन में ग्रेटर नोएडा में सुमित गुर्जर एनकाउंटर के साथ भाजपा नेता शिवकुमार की दिनदहाड़े हुई हत्या का मामला भी विधान परिषद में गूंजा। सदन में तीनों मामलों की सीबीआइ जांच की मांग की गई। सदस्यों की मांग पर विधान परिषद अध्यक्ष ने भी सीबीआइ जांच की संस्तुति की। अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि सुमित गुर्जर और जितेंद्र यादव के तथाकथित एनकाउंटर और भाजपा नेता शिव कुमार यादव की हत्या का मामला विधान परिषद प्रदेश सरकार को सीबीआई जांच की संस्तुति करेगी।
हालांकि, जिम ट्रेनर जितेंद्र यादव के साथ कथित फर्जी एनकाउंटर की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। पुलिस ने कहा है कि घायल के इलाज का पैसा वह देगी। बता दें कि जिम ट्रेनर के परिवार ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जबकि डीआईजी ने एक राजनीतिक दल के नेता पर डीएसपी को टारगेट करने का आरोप लगाया था।
बता दें कि जिम ट्रेनर को गोली मारने की घटना सामने आने के बाद डीजीपी ने अंडर ट्रेनी दरोगाओं को सरकारी असलहा जारी करने पर रोक लगा दी है। इस संबंध में सभी एसएसपी को निर्देश दिए हैं। गौतमबुद्धनगर के एसएसपी लव कुमार ने इसकी पुष्टि की है।
पहले हुए एनकाउंटर में शामिल था
बता दें कि आरोपी अंडर ट्रेनी एसआई विजय दर्शन 2 फरवरी की रात को फेज-3 इलाके में सेक्टर-65 ट्रांसपोर्ट नगर के पास हुई मुठभेड़ में भी शामिल था। इस एनकांउटर में दो बदमाशों को पैर में गोली लगी थी। इससे पहले 23 जनवरी को सेक्टर-63 की गारमेंट कंपनी में गार्ड की हत्या करके लूटपाट के मुख्य आरोपी सत्येंद्र के साथ गढ़ी चौखंडी के पास हुए एनकाउंटर में भी आरोपी दरोगा शामिल था। इसके लिए उसे 26 जनवरी के मौके पर सम्मानित किया गया था।
मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
नोएडा के फर्जी एनकाउंटर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया था। आयोग ने नोटिस जारी कर 15 दिनों में की गई कार्यवाही और प्रकरण की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था। आदेश में कहा गया था कि ऐसा लगता है कि मानवाधिकार का हनन हुआ है।