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देश की अर्थव्यवस्था में जुड़ा सनातनी अध्याय, 22 जनवरी को मनी महा दीपावाली; सवा लाख करोड़ का हुआ व्यापार

Ram Mandir Pran Pratishtha रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अनुष्ठान के जरिए देश की अर्थव्यवस्था में सनातन अध्याय भी जुड़ गया है। कारोबारी संगठनों के सभी अनुमान ध्वस्त हुए और इस दौरान देशभर के बाजारों ने लगभग एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार किया। देश में 22 जनवरी को महा दीपावली कहा गया है।

By Nimish Hemant Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 23 Jan 2024 11:15 PM (IST)
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देश की अर्थव्यवस्था में जुड़ा सनातनी अध्याय, 22 जनवरी को मनी महा दीपावाली।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। Ramlalla Pran Pratishtha: रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अनुष्ठान के जरिए देश की अर्थव्यवस्था में सनातन अध्याय भी जुड़ गया है। कारोबारी संगठनों के सभी अनुमान ध्वस्त हुए और इस दौरान देशभर के बाजारों ने लगभग एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार किया।

बड़ा योगदान राम ध्वज, पटके, पोस्टर, बैनर, शोभायात्रा, बैंड बाजे, मंदिर के माडल, दीये, पटाखे और मिठाइयों की बिक्री के साथ भंडारे, राम उत्सव व एलईडी स्क्रीन से लाइव प्रसारण के आयोजन का रहा है। इसलिए भी 22 जनवरी को महा दीपावली कहा गया है।

लोगों और व्यापारियों ने किया खर्चा

इसे इस तरह से भी देखा जा सकता है कि इतिहास में पहली बार दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में सवा लाख दीयों का प्रज्वलन तथा भव्य राम उत्सव का आयोजन हुआ। यहां के व्यापारियों ने करीब 500 किलो लड्डू प्रसाद के रूप में बांटे। लाइटिंग और लाइव प्रसारण समेत अन्य आयोजन में यहां के व्यापारियों ने एक-दो दिन में ही तकरीबन 25 लाख रुपये खर्च किए। यही हाल चांदनी चौक, खान मार्केट व सदर बाजार समेत अन्य का था।

देशभर में राम मंदिर की धूम

वैसे, बाजार इस राम लहर के लिए पहले से बिल्कुल तैयार नहीं थे। इसलिए देशभर में एलईडी स्क्रीन, हलवाई व बैंड बाजे वालों की किल्लत के साथ रेस्तरां से मिठाईयों की अप्रत्याशित मांग दिखाई पड़ी। अन्य उत्पाद बंद कर निर्माता राम मंदिर के माडल और लड्डुओं के निर्माण में टूट पड़े। देश के नाभि केंद्र के अवतरण से आगे भी देश में व्यापार के नई संभावनाएं बलवति हुई हैं, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है।

देश में दिखा भक्ति-आस्था का सैलाब

देश ने यह पहली बार देखा जब आस्था व भक्ति के सैलाब से इतनी अधिक तरलता देश के बाजारों में आई, साथ ही यह छोटे व्यापारियों व लघु उद्यमियों को मजबूती प्रदान कर गया। कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के अनुसार राम उत्सव अनुष्ठान में देशभर में हुए एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के कारोबार में अकेले उत्तर प्रदेश का योगदान 40 हजार करोड़ रुपये व दिल्ली में 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार सामानों व सेवाओं के माध्यम से हुआ।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार दीपावली पर देशभर में अमूमन सात से आठ करोड़ दीयों की मांग होती है, जबकि 22 जनवरी के लिए 20 करोड़ तक दीये बिके। इसी तरह मिठाईयों की भी 25 से 30 प्रतिशत अधिक बिक्री हुई। दीपावली पर लोग बांटने के लिए ही मिठाई लेते हैं, लेकिन इस बार पूजा व भंडारे में भी मिठाई बांटे गए।

देशभर में 10 लाख से अधिक मंदिरों में करीब 50 करोड़ लोगों ने पूजा-अर्चना की, जिसमें पचमेवा, पान की पत्ती और सुपारी का भी प्रयोग हुआ। दिल्ली में दीपावली पर पटाखे नहीं छूट रहे, लेकिन 200 करोड़ रुपये से अधिक के पटाखे छूटे। अलग बिक्री में 10 करोड़ से अधिक राम मंदिर के माडल थे, जो बिके और उसकी मांग आगे और अधिक होगी।

खुद बाजार व व्यापारी रहे बड़े उपभोक्ता

विशेष बात कि इस रामोत्सव में खुद बाजारें और व्यापारी ही सबसे बड़ा उपभोक्ता रहे। देश के 30 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठनों ने देश भर में डेढ़ लाख से ज़्यादा कार्यक्रम आयोजित किए। अकेले 22 जनवरी को एक लाख से ज्यादा आयोजन थे। इन कार्यक्रमों में प्रमुख रूप से दो हजार से अधिक शोभायात्रा, पांच हजार से अधिक श्री रामफेरी, एक हजार से अधिक श्रीराम संवाद, 2500 संगीतमय श्री राम भजन व श्री रामगीत कार्यक्रम आयोजित हुए।

वहीं, 22 जनवरी को देशभर में व्यापारी संगठनों द्वारा बाजारों में 15 हजार से अधिक एलईडी स्क्रीन लगाई गई तथा 50 हजार से अधिक स्थानों पर सुंदरकांड, हनुमान चालीसा,अखंड रामायण एवं अखंड दीपक के कार्यक्रम किए गए। व्यापारियों द्वारा देश भर में 40 हजार से अधिक भंडारे भी आयोजित किए गए।

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