स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं Sanitary Pads, प्रमुख ब्रांड के उत्पादों में मिले जहरीले रसायन
सैनेटरी पैड के बाजार का लगातार विस्तार हो रहा है। विभिन्न स्टार्ट-अप जैवनिम्नीकरणीय (बायोडिग्रेडेबल) और जैविक विकल्पों सहित किफायती सैनेटरी पैड प्रदान कर रहे हैं लेकिन सैनेटरी पैड की सुरक्षा वैश्विक स्तर पर चर्चा में रही है> क्योंकि अध्ययनों में उनमें खतरनाक रसायन पाए गए हैं।
नई दिल्ली, संजीव गुप्ता। माहवारी के दौरान रक्तस्राव को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सैनेटरी पेड्स स्वास्थ्य के लिए खतरा भी हो सकते हैं। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने करने वाले गैर सरकारी संगठन टाक्सिक लिंक द्वारा सोमवार को जारी "रैप्ड इन सीक्रेसी: टाक्सिक कैमिकल्स इन मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट्स" नामक अध्ययन रिपोर्ट में सैनेटरी पैड में थैलेट और वोलेटाइल आर्गेनिक कम्पाउंड (वीओसी) जैसे जहरीले रसायनों की उपस्थिति का पता चला है।
इस अध्ययन के लिए टाक्सिक लिंक की टीम ने देशभर में उपलब्ध सैनेटरी पैड्स के कई प्रमुख ब्रांडों का परीक्षण किया। परीक्षण में उन रसायनों का पता लगाया जो त्वचा की जलन तथा एलर्जी पैदा कर सकते है साथ ही उपयोगकर्ताओं के लिए अंतःस्रावी भी हो सकते हैं। रिपोर्ट से सैनेटरी पैडस में पाए जाने वाले दूषित पदार्थों के बारे में भी नई जानकारी का पता चलता है जो कैंसर का कारण बन सकते हैं और पर्यावरण में माइक्रोप्लास्टिक कण छोड़ सकते हैं।
दस नामी ब्रांड के सैंपल में मिले खतरनाक केमिकल
इसी साल किए गए अध्ययन में पैड के दस ब्रांडों का परीक्षण किया गया और सभी नमूनों में विभिन्न 12 प्रकार के थैलेट और वीओसी पाए गए। परीक्षण किए गए सैनेटरी पैडस में थैलेट की उच्चतम सांद्रता 19460 माइक्रोग्राम प्रति किलोग्राम थी। परीक्षण किए गए पैड में थैलेट के संयोजन की कान्सेंट्रेशन 0.0321 और 0.0224 ग्राम पाई गई, जो कि यूरोपीय संघ के विनियमन में निर्धारित लेवल से अधिक है। थैलेट को अनेक स्वास्थ्य मुद्दों से जोड़ा गया है, जिसमें अंतःस्रावी व्यवधान, हृदय और प्रजनन प्रणाली पर प्रभाव, मधुमेह, कुछ कैंसर और जन्मजात अक्षमता शामिल हैं।
कैंसर सहित जानलेवा बीमारियों का जोखिम
नमूनों में कुल 24 अलग-अलग वीओसी पाए गए। जिन वीओसी का पता चला उनमें ज़ाइलीन, बेंजीन, क्लोरोफार्म, ट्राइक्लोरोइथाइलीन, शामिल हैं, जो मस्तिष्क की दुर्बलता, अस्थमा, विकलांगता, कुछ कैंसर और प्रजनन प्रणाली के उचित कामकाज के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
जांचकर्ताओं में से एक टाक्सिक लिंक के कार्यक्रम समन्वयक डा अमित ने कहा, "आमतौर पर उपलब्ध सैनेटरी उत्पादों में विभिन्न हानिकारक रसायनों का मिलना चौंकाने वाला है। इनमें कैंसरकारी तत्व, प्रजनन विषाक्त पदार्थ, ऐलर्जेंज़ जैसे जहरीले रसायन मिले हैं।"
पैड के माध्यम से रासायनिक जोखिम स्वास्थ्य के लिए घातक
गौरतलब है कि सैनेटरी पैड के बाजार का लगातार विस्तार हो रहा है। विभिन्न स्टार्ट-अप जैवनिम्नीकरणीय (बायोडिग्रेडेबल) और जैविक विकल्पों सहित किफायती सैनेटरी पैड प्रदान कर रहे हैं। वर्तमान में, एक बार उपयोग करके फैंकने वाले (डिस्पोजेबल) सैनेटरी पैड भारत में उपयोग किए जाने वाले सबसे प्रचलित मासिक धर्म उत्पादों में हैं।
बीते कुछ वर्षों में सैनेटरी पैड की सुरक्षा वैश्विक स्तर पर चर्चा में रही है क्योंकि, अध्ययनों में उनमें खतरनाक रसायन पाए गए हैं। पैड के माध्यम से होने वाला रासायनिक जोखिम स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इस क्षेत्र के आसपास की त्वचा अत्यधिक भेद्य/ पारगम्य है।
ग्राहकों को उत्पाद की सही जानकारी देना जरूरी
अपने अध्ययन में टाक्सिक लिंक ने सैनेटरी उत्पादों में कैंसरकारी तत्व, म्यूटाजेनिक और रिप्रोटॉक्सिक पदार्थों की उपस्थिति को सीमित करने के लिए, मानकों और प्रतिबंधों का आह्वान किया है। वर्तमान में, उनकी संरचना, उत्पादन और उपयोग किसी विशिष्ट विनियम द्वारा नियंत्रित नहीं हैं।
टाक्सिक लिंक की मुख्य कार्यक्रम समन्वयक प्रीति बंथिया महेश का कहना है कि मासिक धर्म उत्पादों का उपयोग करने वालों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि ये उत्पादों सुरक्षित भी हैं या नहीं और इनके इस्तेमाल से वो किन रासायनिक पदार्थ के संपर्क में आ सकते हैं। इसलिए उत्पादकों के लिए प्रासंगिक जानकारी और पर्याप्त चेतावनी प्रदान करना अनिवार्य किया जाना चाहिए।