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Sanitation Workers Strike: दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, कल से उठायेंगे कूड़ा

Delhi Sanitation Workers Strike दिल्ली में नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई। निगम के अधिकारी सफाई कर्मचारियों को मनाने में कामयाब हो गए और शनिवार शाम को हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया गया।

By Nihal SinghEdited By: Pradeep Kumar ChauhanUpdated: Sat, 15 Oct 2022 08:20 PM (IST)
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Sanitation Workers Strike: 20 साल से अधिक समय से कर्मचारी स्थायी होने की राह देख रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Sanitation Workers Strike: दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल शनिवार रात करीब आठ बजे खत्म हो गई है। हड़ताल कर रहे सफाई कर्मचारी 24 घंटे में 12 अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किए जाने से संतुष्ठ दिखे। इसके बाद उन्होंने हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी।

हालांकि निगम और सफाई कर्मचारियों के बीच आगे भी और कर्मचारियों को नियमित करने से लेकर, फंडामेंटल रुल 17 के साथ बोनस देने समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई और उनके समाधान का आश्वासन निगम की ओर से दिया गया है। जिसको देखते हुए एमसीडी समस्त यूनियन कोर कमेटी ने अध्यक्ष संतलाल चावरिया ने हड़ताल को खत्म करने की घोषणा कर दी।

दिल्ली नगर निगम के अनुसार दो शुक्रवार और शनिवार को सफाई कर्मचारियों की बैठक में कई निर्णय लिया है। इसमें एक अप्रैल 2003 से करुणामूलक आधार पर कार्य कर रहे सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत 12 दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों के स्थायी नियुक्ति पत्र भी शनिवार को दे दिए गए हैं।

इसके साथ निगमायुक्त ज्ञानेश भारती ने सभी क्षेत्रीय उपायुक्तों को आदेश जारी किया है कि 2003 से निगम में करुणामूलक आधार पर कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने की फाइले बिना किसी देरी के तैयार की जाए। इसके साथ ही वर्ष 1998 से 2000 के बीच नियुक्त हुए दैनिक वेतनभोगी सफाई कर्मियों को नियमित, सभी डी समूह के कर्मियों को बोनस का भुगतान, एफआर-17 को वापस लेना लेफ्ट आउट कर्मचारियों को नियमित करने के भी आदेश जारी कर दिए है।

पूर्व महापौर ने निभाई अहम भूमिका

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से बिगड़ती स्थिति को देख पूर्व महापौर जय प्रकाश ने अहम भूमिका निभाई। जय प्रकाश दो दिन तक निगमायुक्त के साथ जय प्रकाश भी सफाई कर्मचारियों से संवाद कर रहे थे। पहले दिन तो सफलता निगम को नहीं मिली जबकि दूसरे निगम 12 कर्मचारियों को नियमित करके निगम सफाई कर्मचारियों को मनाने में सफल रहा। निगम का कहना है कि जय प्रकाश चूंकि पूर्व महापौर है निगम कर्मचारी उनकी बात मानते व सुनते है इसलिए समाजसेवी के तौर पर उन्हें बैठक में बुलाया गया था।

कूड़ा फेंकने और सफाई न करने से फूल गए थे हाथ पांव

त्योहारी मौसम में निगम अधिकारियों के सामने यह पहला मौका था कि बिना चुने हुए जनप्रतिनिधियों के हड़ताल को खत्म करना। वर्तमान में निगम में महापौर नहीं है। ऐसे में सारी जवाबदेही विशेष अधिकारी और निगमायुक्त की है। पहले दिन तो हड़ताल सफल नहीं रही, लेकिन दूसरी दिन जब सफाई कर्मचारियों ने सफाई करने से मना कर दिया और जगह-जगह कूड़ा डालना शुरू कर दिया तो निगम अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए थे। जिसकी वजह से निगम अधिकारी किसी भी कीमत पर हड़ताल को आगे बढ़ाने देना नहीं चाहते थे, क्योंकि दूसरे विभागों के कर्मचारी भी इस हड़ताल में जुड़ सकते थे। इसलिए आनन-फानन में शनिवार को दफ्तर खोलकर कर प्रत्येक जोन से एक-एक कर्मचारी को पक्का करने की प्रक्रिया पूरी की गई।

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