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'जो हमें काटना चाहेंगे, उन्हें हम...', दिल्ली धर्म संसद में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर का विवादित बयान

दिल्ली धर्म संसद में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा जो हमें काटना चाहेंगे उसे हम देख लेंगे। साथ ही उन्होंने सनातन धर्म बोर्ड की मांग की है। उनका कहना है कि सरकारी अधिकारियों को पूजा और विधि का कोई ज्ञान नहीं है इसलिए वे मंदिरों की देखरेख और रक्षा नहीं कर सकते। हमें एक बोर्ड की जरूरत है।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 16 Nov 2024 02:49 PM (IST)
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दिल्ली धर्म संसद में कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर का विवादित बयान।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के पांचवें पुश्ता पर सनातन धर्म संसद का आयोजन शनिवार को किया गया। यह धर्म संसद कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में हो रही है। इसमें सनातन बोर्ड की मांग की गई है। बता दें, पहली धर्म संसद देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में 25 फरवरी, 2024 को दिल्ली और दूसरी धर्म संसद 23 जून, 2024 को ऋषिकेश में आयोजित हुई थी।

सनातन धर्म संसद के अवसर पर पंडाल में हजारों की संख्या में सनातनी मौजूद हैं। पूरा पंडाल जय श्रीराम-जय श्रीराम के जयकारों से गूंज रहा है। इस मौके पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट, अयोध्या के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज, महामंडलेश्वर नवल किशोर महाराज, चक्रपाणि महाराज, अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य श्रीलोकेश मुनि, इंद्रेश उपाध्याय व अन्य संत मौजूद हैं।

अधिकारियों को पूजा और विधि का कोई ज्ञान नहीं: देवकी नंदन ठाकुर

देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ मंदिरों में हाल ही में प्रसाद में पशुओं की चर्बी पाई गई। यह घटना दोबारा न हो, इसलिए हम सनातन धर्म बोर्ड चाहते हैं। अधिकतर मंदिर सरकार के अधीन है। सरकारी अधिकारियों को पूजा और विधि का कोई ज्ञान नहीं है, उन्हें मंदिर और धर्म का क, ख, ग, घ भी नहीं आता है, ऐसे में वे कैसे मंदिरों की देखरेख और रक्षा करेंगे।

हलाल सर्टिफिकेट लेकर माल बेचने वाली कंपनियों का हो बहिष्कार: ठाकुर

उन्होंने कहा कि सनातन धर्म बोर्ड के माध्यम से गुरुकुल की परंपरा वापस लौटेगी। घटता हुआ हिन्दू भारत के लिए खतरा है, इसलिए हिंदू की संख्या बढ़नी चाहिए। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा की मुक्ति के लिए, तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने वालों को कड़ी सजा हो। इसके लिए बोर्ड के गठन की मांग करते हैं। हिन्दू बच्चियों के विवाह हिन्दू परिवारों में होना चाहिए, यह नियम बनना चाहिए। हलाल सर्टिफिकेट लेकर माल बेचने वाली कम्पनियों का बहिष्कार हो।

हिंदू हक अब लेकर रहेंगे: देवकी नंदर ठाकुर

देवकीनंदन ने एक नारा भी दिया। उन्होंने कहा- बहुत सह लिया, अब न सहेंगे, हिंदू हक अब लेके रहेंगे। अब हम बटेंगे नहीं और कटेंगे नहीं और जो हमें काटना चाहेंगे उसे देख लेंगे। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- जिंदगी जब तक रहेगी फुर्सत न मिलेगी काम से, कुछ समय निकालिए, जिसमें प्रेम करिए राम से।

जैन मुनि श्री लोकेश मुनि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म बोर्ड का गठन देश की आवश्यकता है। जैन समाज सनातनियों के साथ तन, मन, धन व हर रूप से खड़ा मिलेगा। अहिंसा को कमजोर न समझा जाए। 

एक हो गए तो कोई अलग नहीं कर सकता: शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज 

शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जब तक सबसे पहले सनातन धर्म, हिंदू धर्म के प्रति निष्ठा नहीं होगी, तब तक बोर्ड के गठन की सफलता नहीं मिलेगी। यदि हम एक हो जाते हैं, संगठित हो जाते हैं, तो कोई भी हमें अलग नहीं कर सकता है और कोई आंख भी नहीं दिखा सकते हैं। सभी हिंदुओं को एक होना चाहिए। गोमाता की रक्षा, शिक्षा का भारतीयकरण होना चाहिए, यज्ञशाला, पाठशाला, गुरुकुल शुरू होने चाहिए। प्राचीन वैदिक परंपरा को संरक्षित करने होगा। धर्मी में धर्म होना चाहिए, जल में जलत्व होना चाहिए तभी प्यास बुझेगी उसी प्रकार हिंदू में पहले हिंदुत्व होना चाहिए, तभी सनातन धर्म की रक्षा होगी।

विभिन्न संतों के बयान

जब लोग संतों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे तो तत्काल ही सनातन धर्म बोर्ड का गठन होगा। वर्तमान में हमारे संस्कारों और विचारों की सरकार है। देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में जल्द ही गठन का बोर्ड होने की मांग करते हैं। - हनुमानगढ़ी से राजू दास जी महाराज

राष्ट्र बचाने की जिम्मेदारी अब लोगों की है। लोगों को जागना होगा। सनातनियों के लिए अपने सदस्यों की, स्वयं की, परिवार की, राष्ट्र की रक्षा प्राथमिकता है। शास्त्रों और शस्त्रों का साथ बनाकर चलना होगा। - पंडित प्रदीप मिश्रा

सनातनियों को दूसरे समुदाय के बजाय विपक्षी नेताओं से अधिक खतरा है। अबकी बार अपने मत का प्रयोग कर ऐसी सत्ता लाएं कि जो हमें काटे, हम उसे काटकर देश से बाहर कर दें। वैसे न हम किसी को काटते हैं न ही डांटते हैं, लेकिन हमें बांटने वाले और काटने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं। - गोविंद देव गिरी जी महाराज

हिन्दू राष्ट्र, हिंदू धर्म के जयकारों से संबोधन शुरू। वक्फ बोर्ड ऐसा बोर्ड है, जिसकी भारत की भूमि से कोई लेना देना नहीं है। यह बोर्ड पूरा असंवैधानिक है। सनातन बोर्ड होगा, लेकिन वक्फ बोर्ड का नामोनिशान नहीं होगा। सनातन बोर्ड के गठन से कोई का माई का लाल नहीं रोक सकता है। यदि समय से होगा तो बढ़िया है, अन्यथा साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनानी होगी। - साध्वी सरस्वती

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