किसानों की महापंचायत खत्म: कृषि मंत्री से मीटिंग के बाद SKM का एलान, कहा- अब 30 अप्रैल को होगी मोर्चा की बैठक
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन खत्म हो गया है। नेताओं की ओर से इस महापंचायत में 50 हजार किसानों के शामिल होने का दावा किया गया था लेकिन महापंचायत में 5 से 6 हजार किसान ही शामिल हुए थे।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Mon, 20 Mar 2023 03:07 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता।दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित किसान महापंचायत खत्म हो गया है। इस महापंचायत में भाग लेने के लिए विभिन्न राज्यों से हजारों किसान रामलीला मैदान में जुटे थे।
हालांकि, किसान नेताओं ने इस महापंचायत में 50 हजार लोगों के पहुंचने का दावा किया था, लेकिन महापंचायत में 5 से 6 हजार लोग ही पहुंचे थे, जिससे किसान नेता थोड़े नाखुश नजर आ रहे थे। वहीं, इस बार महापंचायत में योगेंद्र यादव को बुलाया ही नहीं गया था, जबकि सरकार के साथ वार्ता करने के लिए गई 15 सदस्य टीम में राकेश टिकैत को शामिल नहीं किया गया था।
कृषि मंत्री से मिला किसानों का प्रतिनिधिमंडल: टिकैत
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता राकेश टिकैत ने बताया कि किसान मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल अपनी मांगों को लेकर कृषि मंत्री से मिला। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। अब मोर्चा की अगली बैठक 30 अप्रैल को होगी। वहीं, जब टिकैत से महापंचायत में कम भीड़ को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए अपनी बात खत्म कर दी।बॉर्डर पर रोके जा रहे हैं किसान
संयुक्त किसान मोर्चा का दावा था कि इस महापंचायत में देश के अलग-अलग राज्यों से 50 हजार से ज्यादा किसान शामिल होंगे, लेकिन यहां मुश्किल से पांच छह हजार किसान ही पहुंचे थे। इसे देखते हुए मोर्चा के नेता ने कहा कि पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इस कारण काफी किसान आ नहीं पाए। वहीं, किसान नेताओं ने यह भी दावा किया कि किसानों को बॉर्डर पर रोका जा रहा था। इस वजह से रामलीला मैदान में किसान नहीं पहुंचे सके।
वापस लौटे किसान
किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख राकेश टिकैत के संबोधन से पहले ही किसान वहां से लौटने लगे थे। इस दौरान रामलीला मैदान के बाहर बस स्टॉप और ऑटो स्टैंड पर वापस जाने वाले किसानों की भीड़ जमा हो गई थी।एसकेएम नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के कॉरपोरेट -समर्थक विकास के कारण किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा। एमएसपी पर गारंटी की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने यह महापंचायत आयोजित की थी। इसमें किसान, आदिवासी किसान, महिला किसान, खेत मजदूर और प्रवासी मजदूर, ग्रामीण श्रमिक आदि शामिल हुए।
किसान महापंचायत का आयोजन केंद्र सरकार से संयुक्त किसान मोर्चा को 9 दिसंबर, 2021 को दिए गए लिखित आश्वासनों को पूरा करने और किसानों द्वारा सामना किए जा रहे लगातार बढ़ते संकट के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग को लेकर किया गया था।
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