मिशन बुनियाद के नाम पर दिल्ली के स्कूलों में घपलेबाजी, सिसोदिया से की जांच की मांग
मामले की शिकायत शिक्षा मंत्री से करते हुए मामले में जांच की मांग की गई है। प्रश्न है कि जब कम दाम पर नाश्ता उपलब्ध है, तो स्कूल महंगे दाम पर क्यों खरीद रहे हैं?
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए शुरू किए गए मिशन बुनियाद में लाखों का घपला सामने आया है। प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर स्कूल कम दाम की जगह महंगे दाम पर नाश्ता खरीद रहे हैं, जबकि नियमानुसार निर्धारित एजेंसियों में से सबसे कम दाम पर उत्पाद उपलब्ध कराने वाली एजेंसी से ही सेवाएं लेनी चाहिए।
बता दें कि बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार ने गत 11 मई से मिशन बुनियाद कार्यक्रम शुरू किया, जो 30 जून तक चलेगा। इसमें कक्षा तीन से लेकर नौ तक के बच्चों को इससे जोड़ा गया है। इसके तहत स्कूलों में प्रतिदिन साढ़े सात से साढ़े 10 बजे तक कक्षाएं लगाई जा रही हैं, जिसमें शामिल सभी बच्चों, शिक्षकों, स्वयंसेवकों व अन्य स्टाफ के लिए प्रतिदिन 30 रुपये नाश्ते के लिए निर्धारित हैं।
इसके लिए सरकार की ओर से जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) बनाया गया है, जिसमें तमाम एजेंसियां शामिल हैं। इन एजेंसियों ने नाश्ते के अपने-अपने दाम सार्वजनिक किए हैं।
वहीं, विभाग का नियम है कि जिन कंपनियों के दाम सबसे कम होंगे, स्कूल उसी से नाश्ता खरीदेंगे। यदि स्कूल किसी कारणवश महंगे दाम का नाश्ता लेना चाहते हैं, तो उन्हें विभाग प्रमुख यानी शिक्षा निदेशक से अनुमति लेनी होगी, मगर अधिकतर स्कूल इस नियम की अनदेखी कर रहे हैं। वे अपनी मर्जी से महंगे दाम पर नाश्ता खरीद रहे हैं, जबकि उसी नाश्ते को अन्य एजेंसियां आधे दामों पर उपलब्ध करा रही हैं।
अखिल भारतीय भ्रष्टाचार संगठन ने इसकी शिकायत शिक्षा निदेशक सौम्या गुप्ता और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया से करते हुए मामले में जांच की मांग की है। उनका प्रश्न है कि जब कम दाम पर नाश्ता उपलब्ध है, तो स्कूल महंगे दाम पर क्यों खरीद रहे हैं? इस संबंध में शिक्षा निदेशक सौम्या गुप्ता से संपर्क किया गया, मगर वह फोन पर उपलब्ध नहीं थीं।